बिलासपुर– भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के नेताओं ने बिलासपुर विश्वविद्यालय कुलपति को बेशरम का फूल देकर आक्रोस जाहिर किया है। एनएसयूआई नेताओं ने एमएचआरडी की नेशनल फ्रेमवर्क में राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय का नाम नगीं होने पर गुस्सा जाहिर किया है। वहीं कुलपति डॉ.गौरीदत्त शर्मा ने छात्रों से इस व्यवहार के लिए नाराजगी भी जाहिर की है।
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एमएचआरडी की नेशनल फ्रेमवर्क के रैकिंग में राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय का नाम नहीं होने पर एनएसयूआई के नेताओं ने गुस्सा जाहिर किया है। नाराज छात्र नेताओं ने बेशरम का बुके तैयार कर बिलासपुर विश्वविद्यालय कुलपति को देकर शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला बताया है। वहीं बेशरम का बुके देखकर कुलपति ने भी नाराजगी जाहिर की है।
छात्र नेताओं ने बताया कि रैंकिंग में प्रदेश का एक भी विश्वविद्यालय शामिल होने से छात्र जगत में मायूसी है। रैकिंंग में स्थान मिलने से जाहिर हो गया है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर बहुत खराब है। अमितेष राय और अर्पित केशरवानी ने बताया कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री भी गिरते शिक्षा स्तर को लेकर कभी भी चिंतित नहीं दिखाई दिये।
टाप 100 में शामिल नहीं होने से नाराज छात्र नेताओं ने कहा कि हमारे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता की बहुत बड़ी कमी है। पेपर लीक होना सामान्य बात है। प्रतिभावान बच्चों का हक सिफारिश करने वालों ने बरबाद कर दिया है। एमएचआरडी ने रैकिंग जारी कर बता दिया है कि छत्तीसगढ़ में बच्चों के जीवन के साथ केवल अन्याय किया जा रहा है।
छात्र नेताओं ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में पिछले 15 साल से भाजपा की सरकार है। कभी ऐसा नहीं लगा कि प्रदेश की गिरती शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार कभी गंभीर हुई है। इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश का एक भी विश्वविद्यालय 100 के अन्दर नहीं है।
बेशऱम फूल का बुके देने वालों में प्रमुख रूप से अमितेष राय,बिट्टू वाजपेयी,अर्पित केशरवानी,विराज रजक,अभिलाष रजक,जयपाल निर्मलकर,लक्की मिश्रा,सौरभ खान,पूनम तिवारी,रंजीत सिह,प्रखर सिंह,सिद्धार्थ अग्रवाल,संस्कार रजक,अभय पाण्डेय,एजाज समेत कई एनएसयूआई छात्र नेता शामिल थे।