शिक्षा कर्मियों के संविलयन की माँगः महिला पदाधिकारियों की रायशुमारी के बाद मोर्चा करेगा मुंडन- आँदोलन का फैसला

Chief Editor
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रायपुर । छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षा कर्मी  संविलयन सहित अपनी 9 सूत्रीय माँगों को लेकर इन दिनों विरोध स्वरूप काली पट्टी लगाकर बोर्ड मूल्यांकन कर रहे हैं। साथ ही आँदोलन का विस्तार करने की भी तैयारी चल रही है। इस सिलसिले में महिलाओँ के सामूहिक मुंडन पर विचार चल रहा है। संगठन का कहना है कि संविलयन को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए इस पर चर्चा की जा रही है। लेकिन अँतिम निर्णय शिक्षा कर्मी मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा।
 मध्य प्रदेश में शिक्षा कर्मियो के आंदोलन के दौरान हुए महिलाओं के सामूहिक मुंडन की तरह छत्तीसगढ़ के शिक्षा कर्मी फिलहाल ऐसा अभी नही करँगे।
मीडिया पर आई खबरों पर विराम लगते हुए  नवीन शिक्षक संघ की महिला प्रदेश अध्यक्ष उमा जाटव ने कहा है कि इस बारे में अभी कोई फैसला नही हुआ है। मोर्चा संचालको के साथ बैठक में ये बात रखी जायेगी। मोर्चा संचालकों औऱ मोर्चे से जुडी प्रमुख महिला पदाधिकारीयो की राय शुमारी के बाद निर्णय होगा।
मोर्चा संचालक विकास राजपूत ने  बताया कि इस बात को आगामी मोर्चे की बैठक में रखा जायेगा और सबकी सहमति और मत के अनुसार उचित निर्णय लिया जायेगा। उन्होने कहा कि  मुंडन व्यक्ति के जीनव में बहुत महत्वपूर्ण होता है। महिला शिक्षा कर्मियों के  संविलियन के लिए मुंडन करने का निर्णय महिला शिक्षा कर्मियों और पदाधिकारीयो को लेना है। फिलहाल कमेटी के निर्णय नही आने से प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी के मन मे भारी आक्रोश है। कमेटी के निर्णय मे लेट लतीफी होने के कारण जल्दी ही मोर्चा के संचालको का बैठक कर ठोस निर्णय व रणनीति को अंजाम दिया जायेगा और मोर्चा के सदस्यो के सहमति के अनुसार ही आगे की रणनीति तय होगी।
मोर्चा संचालक विकास राजपूत ने  बताया कि इस बात को आगामी मोर्चे की बैठक में रखी जायेगी। वही मुंडन का ऐलान कर चुकी नवीन शिक्षक संघ की रायपुर महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष गंगाशरण पासी ने बताया कि मैं मुन्डन के लिए तैयार हूँ। मोर्चे की बैठक में संचालकों समक्ष इस प्रस्ताव को लाया जाएगा और सभी महिला शिक्षाकर्मी पदाधिकारियो के बीच रायशुमारी के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
भोपाल में राज्य के संविदा( शिक्षाकर्मी)  शिक्षक ‘अध्यापक अधिकार यात्रा’ के तहत विरोध प्रर्दशन कर रहें थे ।शिक्षकों की प्रमुख मांग संविलियन थी। शिक्षक समान कार्य के लिए सभी शिक्षकों को समान वेतन और  ट्रांसफर पॉलिसी, शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग सहित 13 मांगों को लेकर लंबे समय से अध्यापक आंदोलन करते आ रहे थे । लेकिन राज्य सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया और संविलियन के मुद्दे को टालती रही। जवाब में शिक्षको ने जनवरी से ओमकारेश्वर से अधिकार यात्रा शुरू की और यात्रा के अंत मे भोपाल के जंबूरी मैदान में हजारों की संख्या में अध्यापक एकत्रित हुए । जहां पर 40 से 50  से ज्यादा महिला अध्यापकों ने मुंडन कराया। जिसके परिणाम स्वरूप शिवराज  सरकार को झुकना पड़ा और आनन फानन में मुख्यमंत्री निवास में सभी शिक्षक नेताओ को बुला कर संविलियन की घोषणा करनी पड़ी थी।
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