मंत्री के बयान पर भड़के कांग्रेसी…थाना से छूटने के बाद नेताओं ने कहा…विपक्ष में बैठने को तैयार रहे भाजपा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– नगर निगम विकास भवन के सामने आज कांग्रेस और भाजपा के बीच हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। धरना स्थल पर मंत्री की कार को लेकर कांंग्रसियों ने जमकर नारेबाजी की। इसके पहले कांग्रेसियों ने ड्रायवर को गाड़ी हटाने के लिए  कहा। बावजूद इसके मंत्री की गाड़ी नहीं हटी। यकायक पूर्व महापौर राजेश पाण्डेय और अजरा बेगम के साथ कई कांग्रेसी कार के सामने लेट गए। मंत्री पर तानाशाही का आरोप लगाने लगे।नारेबाजी के बीच देखते ही देखते माहौल इतना गर्म हो गया कि नेहरू चौक में कांग्रेसियों के साथ एक दिनी धरना प्रदर्शन कर रहे प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव और अभय नारायण भी विकास भवन पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। माहौल इतना गर्म हो गया कि अनशन पर बैठे एक एक कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोनी थाना भेज दिया।

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                        विकास भवन के सामने कांग्रेसी और भाजपा कार्यकर्ता आमने सामने नजर आए। निकाय मंत्री अमर अग्रवाल जब निगम अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उसी दौरान सफाई कर्मचारियों की नियमितिकरण की मांग को लेकर लगातार 14 वें दिन कांग्रेस पार्षद और जिला कांग्रेस के नेता क्रमिक अनशन पर थे।

                   माहौल उस समय गरम हो गया जब कांग्रेसियों की धरना स्थल पर मंत्री की कार खड़ी हो गयी। कार नहीं हटाए जाने पर पूर्व महापौर और अन्य कांग्रेसी मंत्री के कार के सामने लेटकर नारेबाजी करने लगे।

                               देखते ही देखते महौल इतना गरम हो गया कि पुलिस बल को आना पड़ा। पुलिस ने एक एक कांग्रेसियों को घसीटकर गाड़ी में बैठाकर कोनी थाना भेज दिया। गिरफ्तार होने वालों में पूर्व महापौर राजेश पाण्डेय,नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन,तैय्यब हुसैन, पंचराम सूर्यवंशी,काशीराम रात्रे, शैलेश पाण्डेय,शैलेन्द्र जायसवाल,अटल श्रीवास्तव,अभय नारायण राय, अखिलेश वाजपेयी,हरीश,जावेद मेमन समेत एक दर्जन से अधिक नेता शामिल थे।

               गिरफ्तारी का नेहरू चौक पर उपवास धरना में बैठे कांग्रेसियों ने विरोध किया। यद्यपि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सभी नेताओं को शाम  होते निःशर्त छोड़ दिया।

मंत्री की नहीं आम जनता की जागीर

                                    गिरफ्तारी से छुटने केबाद पूर्व महापौर राजेश पाण्डेय ने कहा कि सरकार और मंत्री तानाशाही पर उतर आए हैं। यह जानते हुए भी जिस जगह मंत्री की कार खड़ी है। उस स्थान पर पिछले दो सप्ताह से सफाई कर्मचारियों की नियमितिकरण को लेकर क्रमिक धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। बावजूद इसके कार खड़ी करना यह जाहिर करता है कि देश में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। विकास भवन किसी की जागीर नहीं बल्कि आम जनता का कार्यालय है। लेकिन पुलिस ने मंत्री के इशारे पर जो कुछ किया उसे किसी बी सूरत में स्वस्थ्य लोकतंंत्र नहीं कहा जा सकता है।

लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही

               शैलेन्द्र जायसवल ने कहा कि लोकतंत्र की दुहाई देने से पहले यह भी समझना चाहिए कि आखिर दो सप्ताह से क्रमिक अनशन की जरूरत क्यों पड़ी। यदि मंत्री को इस बात की जानकारी नहीं है तो यह अपने आप में शर्म की बात है।लोकतंत्र में किसी की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। लेकिन पुलिस का इस्तेमाल कर जनता की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है। बावजूद इसके हम सफाई कर्मचारियों की लड़ाई अन्त तक लड़ेंगे।

                                  निगम नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन ने कहा कि निगम प्रशासन,भाजपा नेताओं और सरकार मंत्री की तानाशाही को जनता देख  रही है। यदि जनता की हित की मांग करना अपराध है तो कांंग्रेस ऐसे अपराध हर बार करने को तैयार है।

विपक्ष की करो तैयारी

       मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता शैलेश पाण्डेय ने कहा कि जनता बहुत जल्दी ही भाजपा को विपक्ष में बैठाने वाली है। विपक्ष की बात तो दूर  भाजपा को अभी भी नहीं मालूम कि लोकतंंत्र किसे कहते हैं। देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है। लेकिन भाजपा सरकार शराब बेचकर लोकतंंत्र मजबूत कर रही है। जबकि जनता चाहती है कि शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगे। यदि भाजपा नेता और मंत्री गलत बयान देकर यदि जनता को धोखे में रखना चाहते हैं तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है। जनता खुद चाहती है कि सत्ता तो चलाना आया नहीं इसलिए भाजपा नेता विपक्ष में बैठने की ट्रेनिंग अभी से कांग्रेस से ले ले।

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