सांई कन्स्ट्रक्शन की सड़क..गुणवत्ता जांच में फेल..क्वालिटी कन्ट्रोलर ने जताया असंतोष…कहा फायनल काम का इंतजार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—रायपुर से क्लालिटी कन्ट्रोलर निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता परखने बिलासपुर के दौरे पर हैं। क्वालिटी कन्ट्रोलर तीन दिनों तक शहर की विभिन्न निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता जांच करेंगे। मंगलवार को क्वालिटी कन्ट्रोलर पी.सी.क्षत्री ने संजय तरण पुष्कर से मंदिर चौक के बीच निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता जांच की। जांच के दौरान सड़क निर्माण में हुई  लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की। सड़क निर्माण में कमियां पाए जाने पर क्षत्री ने हतोत्साहित करने वाला बताया। जांच प्रक्रिया के दौरान पीडब्लूडी डिवीजन एक ईई मधेश्वर प्रसाद, डीविजन दो ईई. सिन्हा, एसडीओ जांगडे.इंजीनियर बिन्द्रा सब इंजीनियर स्वर्णकार के अलावा सांई कंस्ट्रक्शन का ठेकेदार अतुल शुक्ला भी मौजूद था।

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                                 संजय तरण पुष्कर से मंदिर चौक के बीच सांई प्रसाद कंस्ट्रक्शन के ठेके में बनाई जा रही सड़क गुणवत्ता जांच में फेल हो गयी है। हुई। क्वालिटी कन्ट्रोलर पी.सी.क्षत्री ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता और ठेकेदार की लापरवाही को हतोत्साहित करने वाला बताया। सिन्धी कालोनी के पीछे कब्रिस्तान के पास निर्माणाधीन सड़़क की कटिंंग कर अधिकारियों ने डामर और गिट्टी का सैंपल लिया। गुणवत्ता के साथ इंंजीनियरों ने गहराई को बारीकी से जांच परखा गया।

                   पत्रकारों को क्वालिटी कन्ट्रोलर क्षत्री ने बताया कि संजय तरण पुष्कर से मंदिर चौक बीच करीब डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सड़क निर्माण ठेका सांई कन्ट्रक्शन को दिया गया है। निर्माण में करीब चार करोड़ पच्चीस लाख रूपए खर्च होंगे। सड़क निर्माण का टेन्डर 23 प्रतिशत नीचे गया है। जांच पड़ताल के दौरान मेटैरियल गुणवत्ता के साथ बेस को भी जांचा परखा गया है। ठेकेदार के अनुसार सड़क को जगह जगह खोद कर जांचा परखा गया। बावजूद इसके परिणाम बहुत उत्साहित करने वाला नहीं था।

                                 कन्ट्रोलर क्षत्री ने बताया कि शर्तों के अनुसार डीवीएम डेन्स बिटुम्निस का लेयर ठीक ठाक पाया गया है।जीएसव्ही और डब्लूएमएम का थिकनेस बहुत कम मिला है। दो एक जगह जांच के दौरान दोनों के थिकनेस में भारी असमानता पायी गयी है। टेन्डर के अनुसार डब्लूएमएम की मोटाई 250 एमएम और जीएसव्ही को 300 मिलीमीटर मोटा होना चाहिए। दोनों को मिलाकर थिकनेस 550 जरूरी है। लेकिन सड़क किनारे और बीच में जांच के बाद डब्लूएमएम और जीसव्ही की मोटाई मात्र 280 मिलीमीटर पायी गयी है। जो टेन्डर शर्तो के अनुसार बहुत ही कम है। ऐसी सड़कें गुणत्ताहीन की कटेगरी में आती है। मामले में सांई कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार से कारण पूछा गया है।

                                      क्वालिटी कन्ट्रोलर ने कहा कि सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है। वर्तमान रिपोर्ट को दो तीन दिन में पेश कर दिया जाएगा। गुणवत्ता जांच की प्रक्रिया दो तीन चरणों में होगी। फायनल होने के बाद गुणवत्ता को लेकर अंतिम जांच होगी। इसके बाद फायनल रिपोर्ट पेश किया जाएगा। पिलहाल कार्य को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं। इसकी मुख्य वजह कनेस में  भारी अन्तर पाया जाना है।

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