विवेक तंखा ने कहा…मंत्री बनते बाबाओं ने बदला सुर…खतरे में देश का संविधान और लोकतंत्र

BHASKAR MISHRA
4 Min Read

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तेंदूपत्ता मामले में सरकार की पालिसी को जाने माने वकील राज्य सभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने आदिवासी विरोधी बताया है। संतकुमार नेताम की याचिका पर हाईकोर्ट से पैरवी के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए तन्खा ने कहा कि केंद्र सरकार की रणनीति देश के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगी। 21 अप्रेल को जबलपुर में “प्रजातंत्र एवं संविधान बचाओ आंदोलन” का लिया संकल्प लिया जाएगा। आंदोलन में देश के ख्यातिलब्ध वकील शामिल होंगे।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

                    संतकुमार नेताम की याचिका पर तंदूपत्ता मामले में देश के जाने माने वकील विवेक तन्खा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पैरवी करने पहुंचे। राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने जस्टिस तन्खा मेमोरियल स्कूल में पत्रकारों से चर्चा बी की। चर्चा के दौरान तन्खा ने बताया कि राज्य सरकार तेंंदूपत्ता को लेकर कुछ ऐसे नियम थोप रही है। जिससे आदिवासी समाज को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है।

                             मशहूर अधिवक्ता विवेक तन्खा ने बताया कि तेंदूपत्ता नीलामी में लगभग 400 करोड़ रुपए की गड़बड़ी सामने आए थी। जिसे लेकर हाइकोर्ट में आज बहस हुई। कोर्ट को बताया कि सरकार की पालिसी से आदिवासी समाज के हितो और अधिकारों से खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार की पालिसी से सीधा फायदा पूंजीपतियों को होगा। सरकार जानबूझकर एक वर्ग विशेष को टेन्डर के माध्यम से फायदा पहुंचाना चाहती है। टेंडर के बाद पूंजपति औने पौने दाम में पत्ता का संग्रहण करेगा। पत्ता तोड़ने वाले आदिवासी समाज का शोषण होगा। हाइकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया है।

             पत्रकारों को विवेक तन्खा ने केन्द्र सरकार की रणनीतियों को प्रजातंत्र और संविधान को खतरा बताया। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि  न्यायपालिका में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप अनुचित है। दरअसल केन्द्र सरकार न्यायपालिका की ईमानदार और प्रतिष्ठित छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही है। देश के 18 उच्च न्यायालयों मुख्य न्यायाधीशो की नियुक्ति नही हो सकी है। यदि नियुक्तियां समय पर हो जाए तो भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं के प्रकरणों का जल्द से जल्द निपटारा हो जाएगा। फिर भाजपा नेताओं को जेल जाने से कोई नही रोक सकता है।

                  तन्खा ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को जनप्रतिनिधि नहीं बल्कि अधिकारी चला रहे हैं। कमोबेश छत्तीसगढ़ सरकार की भी यही हालत है।  बाबाओ को मंत्री बनाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरी तरह से असंवैधानिक है। सरकार ने साधुओं की नाराजगी और वोट बैंक की राजनीति के कारण पांंच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देकर संविधान से खिलवाड़ किया है। दरअसल कंप्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत ने ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने का एलान किया था। यदि ऐसा होता तो नर्मदा किनारे शिवराज के पौधरोपण रोपण अभियान की कलई खुल जाती। लेकिन राज्यमंत्री का दर्जा देकर शिवराज ने साधुओं का सुर बदल दिया है। तन्खा ने कहा कि आगामी चुनाव में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सरकार को बदलना निश्चित है।

               मशहूर वकील ने बताया कि केन्द्र सरकार की तुगलकी गतिविधियों से प्रजातंत्र और संविधान को खतरा है। जबलपुर में 21 अप्रेल को “प्रजातंत्र एवं संविधान बचाओ आंदोलन” का लिया संकल्प लिया जाएगा। आंदोलन में देश के ख्यातिलब्ध वकील शामिल होंगे।

close