कांग्रेस नेता ने कहा प्रदेश को ले डूबेगी शराब नीति…मॉल जाना होगा मुश्किल…कठुवा हादसे की तैयारी तो नहीं..?

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—नगर निगम कांंग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने मॉल में शराब बिक्री के पैसले की निंदा की है। शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि शराब से पैसे कमाने की प्रवृत सरकार की घटिया सोच उजागर करती है। सरकार ने बहुत ही गैर जिम्मेदार और सामाजिक सरोकारों से मुंह मोड़ने वाला निर्णय लिया है। कांग्रेस पार्षद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार के निर्णय का विरोध करती है।

                           शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि नियम,आचरण और नैतिकता को ताक पर रख कर प्रदेश भाजपा सरकाल ने मॉल में में शराब बेचने का पैसला लिया है। इस फैसले से सरकार का चाल चरित्र और चेहरा सामने आ गया है। लोग अपने परिवार के साथ मनोरंजन के लिए बेहिचक माल जाते हैं। लेकिन परिवार के सदस्यों को संभलकर मॉल जाना पड़ेगा।

                     शैलेन्द्र ने बताया कि सरकार के फैसले से अपराधियों को अपराध करने का लायसेंस मिल गया है। शराबियों की गंदी सोच वाली निगाहों से घर की इज्जत आबरू और परिवार की महिलाओं को बचाकर रखना पड़ेगा। मॉल में लोग अपने परिवार के साथ देर रात पिक्चर देखने जाते हैं। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। शराबियों से बचकर रहना पड़ेगा। मॉल के बेसमेंट पार्किंग में रात में सुनसान अंधेरा रहता है। ऐसे में कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है।

               कांग्रेस नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से छत्तीसगढ़ में सरकार ने खुद शराब बेचने का फैसला लिया है। शराब दुकानों में लंबी लाइन लगते हुए देखी जा सकता है। बावजबद इसके शराब पीने वालों की कमी नहीं हुई है। बल्कि शराब की बिक्री बढ़ गयी है। शैलेन्द्र ने बताया कि छत्तीसगढ़ का कुल बजट 85000 करोड़ का है। सालाना 15000 करोड़ की शराब सरकार बेच रही है। शराब बंदी की मांग के बावजूद भाजपा सरकार जनता को अंधेरे में रखकर ज्यादा से ज्याद शराब बेच रही है। कर्मचारियों को टारगेट पूरा करने को कहा जा रहा है।

               शैलेन्द्र के अनुसार शराब के पैसे से नेता, अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। प्रदेश के लोग शराबी और कंगाल हो रहे हैं । लोगों के किडनी ,लीवर खराब हो रही हैं। इसकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है । शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का स्तर लगातार गिर रहा है। सारे क्षेत्र निजी हाथों में जा रहे हैं।
यदि सरकार को उखाड़ कर नहीं फेंका गया तो छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश में कठुआ और उन्नाव जैसी घटनाएं हो जाए तो कोई आश्चर्च की बात नहीं होगी।

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