बिलासपुर–-अमित जोगी ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि देवभोग के सुपेबेड़ा में आयुष विभाग की तरफ से शिविर में बांटी गयी दवाई एक्सपायरी है। दवाई में 67 अल्कोहल की मात्रा है। दरअसल डॉक्टर रमन सिंह सूपेबेडा के लोगों का एक्सपायरी डेट की दारु पिलाकर इलाज कर रहे है। दवा निर्माता कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
अमित जोगी ने बताया कि गरियाबंद जिले के देवभोग विकासखंड सूपेबेड़ा गाँव जहाँ किडनी रोग से हो रही मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। वही फिर शासन प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आयी है। मरवाही विधायक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने सूपेबेड़ा गाँव में आयुष चिकित्सा एवं जनजागरूकता शिविर का आयोजन किया। शिविर में लोगों को किडनी रोग की कथित होम्योपैथी दवाईयां बांटी गयी है। दवा कम्पनी का नाम न्यू लाइफ लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड है। बाटी गयी दवाई की मैन्युफैक्चरिंग तिथि फरवरी 2013 है। निर्माण से 60 माह (5 वर्ष) बाद दवा एक्सपायर हो जाती।
जोगी ने कहा कि फरवरी 2018 में दवा एक्सपायर हो चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने शिविर में एक्सपायरी तिथि से 2 माह से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी दवाई का वितरण किया। इतना ही नहीं, दवाई में यह भी लिखा है कि इसमें अल्कोहल की मात्रा 67% है।
विधायक अमित जोगी ने कहा कि शराब बेचने का काम तो सरकार ने पहले ही शुरू कर दिया है, अब दवाइयों से भी सरकार शराब पिला रही है। सरकार की सारी संवेदनाएं मर चुकी है। सरकार ने सूपेबेड़ा के किडनी रोगियों को मज़ाक बना कर रख दिया है। एक्सपायरी दवा के नाम पर जहर बाँटा गया है। जिन 45 लोगों ने शिविर में दवाई को लिया है उनकी सेहत बिगड़ने पर इसकी पूरी जवाबदारी राज्य सरकार की होगी।
जोगी ने बताया कि सरकार की इन्ही लापरवाहियों की वजह से सूपेबेडा के लोगों का मेकाहारा से विश्वास उठ चुका है। एक्सपायरी डेट की दवाई देना अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए इस दवा की निर्माता कंपनी न्यू लाइफ लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और शिविर में मौजूद सभी अधिकारीयों और डॉक्टरों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।