बिलासपुर(सीजीवाल)-प्रदेश में कुपोषण का स्तर गिरा है…बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण आहार दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री रमन सिंंह के शासनकाल में तेजी से विकास हो रहा है। जनता भाजपा के साथ है। यह बातें महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने पत्रकारों से कही। रमशीला ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पर्याप्त वेतन दिया जा रहा है। पांच हजार कोई कम रूपए नहीं होते। जो काम नहीं करेगा उसे बर्खास्त किया जाएगा । इससे ज्यादा तनख्वाह नहीं दिया जाएगा।महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि उनका विभाग अच्छा काम कर रहा है। कुपोषण का दर घटा है। पहले कुपोषण 52 प्रतिशत हुआ करता था। सरकार की नीतियों और अधिकारियों के प्रयास से कुपोषण दर में गिरावट आयी है। मात्र 27 प्रतिशत ही कुपोषण रह गया है। बेहतर काम कर दर को गिराया जाएगा।
आंगन बाड़ी केन्द्रों की हालत ठीक नहीं है..के सवाल पर रमशीला साहू ने कहा कि पत्रकार लोग गलत बोल रहे हैं। 2003 के पहले प्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या मात्र 20 हजार हुआ करती थी। अब संख्या बढ़कर 52 हजार को पार हो गई है। एक समय एक आंगनबाड़ी बनाने में सवा लाख रूपए खर्च हुआ करता था। अब सर्वसुविधायुक्त आंगनबाड़ी केन्द्र बनाया गया है।सीजीवाल, एक आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने में करीब सात लाख रूपए खर्च आता है। इसका लाभ बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिल रहा है।रमशीला साहू ने बताया कि सरकार के पोषम आहार से अधिकारी और कर्मचारी नहीं बल्कि बच्चे और गर्भवती महिलाएं पोषित हो रही हैं। सरासर गलत आरोप है कि पोषण आहार में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार हो रहा है। यदि गड़बड़ी की शिकायत मिलती है और गलत पाया जाता है तो किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सुविधाओं पर किसी को डाका नहीं डालने दिया जाएगा।
रमशीला ने बताया कि 2014 से मंत्री हूं। धरातल पर खड़ी होकर काम कर रही हूं। मुझे कोई धोखा नहीं दे सकता है। मुख्यमंत्री की भी नजर है। गड़बड़ी करने वालों को बर्दास्त नहीं करेंगे। विकास यात्रा में मुख्यमंत्री जनता से सीधे संवाद करेंगे। योजनाओं की जानकारी देंगे। पिछले 15 सालों में प्रदेश का तेजी से विकास हुआ है। जनता हमारे साथ है।सीजीवाल,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बर्खास्त किया जा रहा के सवाल पर रमशीला ने कहा जो काम नहीं करेंगा उसे बर्खास्त किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पर्याप्त पेमेन्ट दिया जाता है। इससे ज्यादा पेमेन्ट नहीं दिया जाएगा। एक समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का वेतन मात्र पांच सौ रूपए था। अब कार्यकर्ताओं को पांच हजार और सहायिकाओं को तीन हजार रूपए दिया जाता है। इससे ज्यादा अब नहीं दिया जाएगा।
रमशीला ने बताया कि 5 हजार और तीन हजार परिवार का गुजारा आसानी हो जाता है। महिलाएं घर चलाना जानती है। इसलिए पांच हजार रूपए पर्याप्त हैं। वेतन तो जमा करने के लिए दिया जाता है। बाकी परिवार घर के कामकाज से चलता है। मंत्री ने बताया कि पांच हजार रूपए इस महंगाई में पर्याप्त हैं।पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय और जांजगीर लोकसभा सांसद कमला पाटले भी मौजूद थीं।