जब आदिवासी समाज ने किया पत्थरगड़ी का समर्थन…CM को लिखा पत्र…कहा आरोपी इंस्पेक्टर को करें गिरफ्तार

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

बिलासपुर.. अनुसूचित जाति, जनजाति ओबीसी समेत एमआई महासंघ ने संयुक्त बैनर तले पत्थरगड़ी के समर्थन में गिरफ्तार लोगों को छोड़ने की मांग की है। एसटी,एससी और ओबीसी महासंघ ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को पत्र दिया । महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि आदिवासी समाज के मुखियों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                             मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को एसटी,एससी,ओबीसी और एमआई महासंघ ने लिखित पत्र दिया है। पत्र में महासंघ ने पत्थरगड़ी का समर्थन करने वाले  गिरफ्तार आदिवासी मुखियों और सदस्यों को जल्द से जल्द रिहा करने कहा है।

            महासंघ ने बताया है कि समाज के मुखिया और संगठनों ने शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे। पत्थरगड़ी आदिवासी संमाज की संस्कृति को सुरक्षित रखने का संवैधानिक अधिकार है। आदिवासी समाज लम्बे समय से अपनी संस्कृति को संरक्षित रखने का प्रयास करता रहा है। बाहरी तत्वों ने उपद्रव और तोडफोड़ कर समाज को परेशान किया है। आदिवासी संस्कृति और संस्कार प्रभावित भी किया है।

                                     महासंघ ने मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में बताया कि आदिवासी समाज के शांतिपुूर्ण आंदोलन से किसी को तकलीफ नहीं है। बावजूद इसके आदिवासी मुखियाओं को गिरफ्तार किया गया । आदिवासी समाज में भयंकर आक्रोष है।

       महासंघ ने पत्र में बताया कि मामले को गंभीरता से लिया जाए। आदिवासी समाज के प्रमुखों और सदस्यों को जेल से तत्काल रिहा किया जाए।

सब इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

               एसटी,एससी,ओबीसी महासंघ ने पुलिस कप्तान से मिलकर एएसआई शैलेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी शशि सिंह को गिरफ्तार करने की भी मांग की है। महासंघ ने पुलिस कप्तान को लिखित शिकायत कर बताया कि पति पत्नी दोनों ने दो साल तक आदिवासी समाज की नाबालिग बच्ची को प्रताड़ित किया है। बंधक बनाकर घर में रखा और मानसिक शोषण किया है। शैलेन्द्र सिंह और शशि सिंह के खिलाफ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज है। बावजूद इसके पति पत्नी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। मामले सामने आने के बाद बच्ची के गरीब माता पिता को धमकाया जा रहा है। बेहतर होगा कि दोनों आरोपियों को जल्द से जल्द हिरासत में लेकर कठोर कार्रवाई की जाए।

close