साउन्ड ने बिगाड़ा कांग्रेस का सिस्टम…दिग्गज कांग्रेसियों के बोल..यह तो होना ही था…पुनिया जी मांगते रहो माफी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— अंत भला तो सब भला…लेकिन राहुल गांधी के बिलासपुर दौरे का अंत अच्छा नहीं रहा। साउन्ड के बहाने कांग्रेस का सिस्टम शीशे की तरह सबको साफ नजर आया। किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता का भला नहीं हुआ। कांग्रेस के अन्दर के लोगों पर विश्वास करें तो बिलासपुर कांग्रेस की गुटबाजी कभी खत्म हो नहीं सकती। कार्यक्रम  के बाद गुडबुक वाला खेमा काफी निराश नजर आया तो दूसरा विंग काफी तरोताजा महसूस करता हुआ दिखाई दिया।

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                        लोग ठीक ही कहते हैं एक कंकड़ खाने का स्वाद खराब कर देता है। बहतराई स्थित राहुल गांधी के संवाद कार्यक्रम के साथ भी ऐसा ही हुआ।साउन्ड सिस्टम और गुटबाजी ने कार्यक्रम को चौपट कर दिया। कार्यक्रम की मिट्टी पलीद होते देख प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पी.एल.पुनिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बहुत संभालने का प्रयास किया। अंत में कुछ अच्छा हासिल नहीं होते देख पुनिया को माफी मांगकर कार्यक्रम खत्म करना पड़ा। व्यवस्था से नाराज राहुल गांधी ने भी जयहिन्द के साथ बूथ कार्यकर्ताओं से विदा ले लेिया। राहुल गांधी से संवाद नहीं होने पर सात हजार से अधिक बूथ कार्यकर्ताओं में जमकर नाराजगी जाहिर की। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने केवल अपने लोगों को ही बोलने दिया बाकी सबको भीड़ जुटाने के लिए लाया गया था।

पीएल पुनिया का माफीनामा

                                संवाद कार्यक्रम की मिट्टी पलीद होने पर मंच से प्रदेश कांग्रेस प्रभारी का दर्द खेद के साथ माईक पर सामने आया। पुनिया ने कहा कि  कार्यक्रम राहुल गांधी के गरिमा के अनुसार नहीं हुआ।अब  जब  भी कार्यक्रम होगा तो इस बात का जरूर ध्यान रखा जाएगा कि बूथ अध्यक्षों के साथ संवाद के लिए स्थान और दूरियों पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। साथ ही पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल मंच से उतरकर कर व्यवस्था सँभालते दिखाई दिए |

                                        बहतराई स्थित संभागीय विधानसभावार बूथ संवाद कार्यक्रम स्तरहीन की सीमा को पार कर दिया। करीब एक घंटे देर से राहुल गांधी कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेताओं के अलावा पत्रकार राहुल गांधी का इंतजार गर्म हवाओं के थपेड़े में करते रहे। एक घंटे बाद कार्यक्रम शुरू तो हुआ लेकिन मात्र 50 मिनट बाद खत्म भी हो गया। इस दौरान गुटबाजी से लेकर अव्यवस्था का एक एक नमूना सभी ने देखा।

 राहुल और कार्यकर्ताओं में दूरी

                      राहुल गांधी का मंच बीच मैदान में बनाया गया था। मंच से गैलरी की दूरी हद से अधिक थी। कार्यकर्ता राहुल को देख भी नहीं पा रहे थे। केवल आवाज ही सुनाई दे रहा था। कार्यक्रम के बाद कार्यकर्ताओं में भयंकर नाराजगी देखने को मिली।

कंडम साउंड सिस्टम

                 राहुल गांधी की संवाद कार्यक्रम फ्लाफ शो की मुख्य वजह साउन्ड सिस्टम बना। स्टेडियम में साउन्ड इतना अधिक गूंज रहा था कि किसी को कुछ कुछ भी स्पष्ट सुनाई नहीं दिया। कुछ देर तक तो संवाद की गतिविधियां अन्दाज में चलती रही। बाद में भूपेश बघेल  ने पर्ची देखकर बूथ अध्यक्षों का प्रश्न दुहराया। राहुल गांधी सवाल का जवाब देते नजर आए।

सामने आयी गुटबाजी और कार्यकर्ताओं की नाराजगी

                   यह बिलकुल सच है कि घटिया साउन्ड सिस्टम  का गुटबाजी से कोई संबध नहीं है। लेकिन कार्यक्रम फ्लाफ होने की कांग्रेस की गुटबाजी ही है। नाम नही छापने की शर्त पर पच्चीस तीस साल से कांग्रेस की राजनीति कर रहे तीन चार वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह तो होना ही था। जिन्होने कभी वार्ड स्तर का काम ठीक से नहीं किया उनसे राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम को सफल बनाने की उम्मीद करना मूर्खता है। बंदरों के हाथ में चाकू पकड़ाने के बाद हश्र ऐसा ही होता है। लोग अपने को अधिक सयाना समझ रहे थे। उसकी सजा मिलेगी। र्यकर्ताओ में बहुत नाराजगी है। रायगढ़ लैलुंगा से पहुंचे कार्यकर्ताओं को सवाल नहीं पूछने दिया गया। पीसीसी अध्यक्ष ने जिन्हे जिम्मेदारी दी थी उन्होने ने ही कार्यक्रम को भुस्स किया।

अंदांज में चला सवाल जवाब का दौर

                            सिटिंग अरेजमेंट और घटिया साउन्ड सिस्टम होने की वजह से कार्यक्रम पूरी तरह से फ्लाफ साबित हुआ। बावजूद इसके कार्यकर्ताओं ने सवाल किया राहुल ने भी जवाब दिया। इस दौरान कई रोचक सवाल सामने आये। राहुल गांधी ने भी गंभीरता के साथ जवाब दिया। सवालों का जवाब देते हुए राहुल गाधी ने कहा कि 15 अगस्त तक प्रदेश की 90 फीसदी उम्मीदवारों का नाम घोषित कर दिए जाएंगे। सरकार बनने के बाद यदि मंत्री और मुख्यमंत्री जनहित में काम नहीं करता है तो कार्यकर्ता को मंत्री और मुख्यमंत्री बदलने का अधिकार है।

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