तम्बाकू के खिलाफ अपोलो की जंग..चिकित्सकों ने बताया…छत्तीसगढ़ में गुटखा बना कैंसर का सबसे बड़ा कारण

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—विश्व तम्बाकू दिवस के अवसर पर अपोलो हाॅस्पिटल में जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया गया। तम्बाकू मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण हैं। गुटखा, धुम्रपान, गुड़ाखु या किसी भी अन्य प्रकार के तम्बाकू सेवन शरीर के लिये हानिकारक होता है। जागरूकता ही एक एैसा हथियार है जिससे सामाजिक बुराई तम्बाकू का मुकाबला किया जा सकता है। यह बातें पत्रकार वार्ता के दौरान अपोलो बिलासपुर सीईओ डॉ.सजल सेन ने कही । पत्रकार वार्ता में  विभिन्न क्षेत्रों के कैंसर विशेषज्ञ डॉ,सुश्री परिडा,डॉ.प्रियंका, डॉ. अमित वर्मा,डॉ.पी.पी.वर्मा मौजूद थे। सभी डाक्टरों ने तम्बाकू सेवन से होने वाले नुकसान की जानकारी दी।

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                 अपोलो सीईओ डॉ.सजल सेन ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। उन्होने बताया लगभग 90 प्रतिशत कैंसर सही समय पर सही ईलाज मिलने से ठीक हो सकते हैं। इलाज से बेहतर बात तो यह है कि कैंसन से बचा कैसे जाए। महत्वपूर्ण यह है कि इससे कैसे बचा जाए ये बातें इस अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में संस्था के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. सजल सेन ने डॉ.रथ के कैंसर पर किए गए शोध का भी उल्लेख किया। उन्होने बताया कि डॉ.रथ ने अपने शोध के दौरान पाया कि 70 प्रतिशत कैंसर प्रिवेन्टेबल है। जबकि 90 प्रतिशत कैंसर क्यूरेबल होता है। समय पर इलाज से कैंसर को हराया जा सकता है।

                                  डॉ.सेन ने बताया कि अपोलो ने फैसला किया है कि एक महीने तक तम्बाकू जनित कैंसर के खिलाफ शहर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अभियान का उन लोगों को फायदा मिलेगा जो तम्बाकू की आदत से ग्रसित हैं। जो छुटकारा पाना चाहते हैं। जागरूकता अभियान टीम शहर के दो जगहों पर शिविर लगाकर जागरूक करेगी।

          डाॅ. अमित वर्मा वरिष्ठ कैंसर सर्जन ने बताया कि मुख्य रूप से युवाओं को जागरूक करना जरूरी है। छत्तीसगढ़ में नंबर 1 पर हेड एवं नेक का कैंसर की शिकायत है। हम हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में ही तम्बाकू के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी का समावेश करें तो इसके चमत्कारिक परिणाम देखें जा सकते है। जिस प्रकार धूम्रपान को सार्वजनिक स्थल पर प्रतिबंधित किया गया है । यदि कुछ ऐसा तम्बाकू गटखा और अन्य तम्बाकू उत्पादों के खिलाफ किया जाए तो परिणाम उत्साह जनक मिलेंगे।

               डा.प्रियंका ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों को बताया कि मुंह का कैंसर पुरूषों में अधिक होता है। तम्बाकू लगभग 400 रासायनिक तत्वों का मिश्रण है। इसमें 69 एैसे तत्व है जो कैंसर के लिये जिम्मेदार होत है। निकोटिन तम्बाकू की लत लगाने के लिये जिम्मेदार होता है।

                           वरिष्ठ कैंसर चिकित्सक डाॅ. सुश्री परिदा ने तम्बाकू के किसी भी रूप में सेवन को घातक बताया। तम्बाकू लगभग 30 प्रतिशत कैंसर के लिये जिम्मेदार रहता है। वरिष्ठ नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डाॅ. पी. पी. मिश्रा ने गुटखा पान और सुपारी के सेवन को भी कैंसर के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होने कहा कि समय पर विशेषज्ञों की परामर्श और उपचार से कैंसर को हराया जा सकता है। लेकिन मजेदार बता है कि सभी लोग जानते है की तम्बाकू खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है बावजूद इसके लोग बेखौफ होकर तम्बाकू का सेवन करते हैं। स्वस्थ्य समाज के लिये युवाओं को इससे बचाना हमारी जिम्मेदारी है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें।

                         डॉ.मिश्रा ने बताया कि मुंह का कम खुलना, जीभ और गालों के अन्दर छाले का होना। माउथ कैंसर का प्राथमिक लक्षण है।

        पत्रवार्ता के अंत में डॉ.सेन ने बताया कि जो लोग तम्बाकू गुटखा छोड़ना चाहते है उन्हें विशेषज्ञों की निगरानी में टिप्स दिए जाएंगे। ऐसे लोगों की निःशुल्क कांउसिलिंग दी जाएगी। इस दौरान विशेष हेल्थ चेकअप की भी व्यवस्था होगी।

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