भोपाल।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 224 सामुदायिक और 89 जनजातीय विकासखण्डों में क्रमश: स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग की शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग की सेवाओं को शिक्षा विभाग में संविलियन करने का निर्णय लिया गया।अनूपपुर मे मंत्रिपरिषद के इस निर्णय से अध्यापक संवर्ग मे हर्ष की लहर है। सभी अध्यापकों ने एक स्वर मे मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
शिक्षा का सम्मान है इस सरकार की पहचान – श्रीमती गरिमा भारद्वाज
शासकीय विद्यालय बरगवा की अध्यापक श्रीमती गरिमा भारद्वाज जिनका संविलयन शिक्षक पद मे होगा ने कहा है कि शिक्षा का सम्मान इस सरकार की पहचान है। विद्यार्थियों की शिक्षा मे विकास के लिए शासन द्वारा बहुत सी योजनाए क्रियान्वित हैं। इसी क्रम मे यह फैसला सरकार के शिक्षा के प्रति सम्मान एवं महत्व को निरूपित करता है।
मुख्यमंत्री जो कहते हैं वो करते हैं- देवेश बघेल
एपीसी (आरएमएसए) देवेश बघेल का कहना है कि मुख्यमंत्री जी ने जो कहा है वो करके दिखाया है। इससे सभी साथियों मे नए उत्साह का संचार हुआ है। अब सभी भविष्य की चिंताओ से मुक्त होकर पूरे मनोयोग एवं दोगुने उत्साह से शैक्षणिक गतिविधियों की उन्नति एवं प्रगति के लिए कार्य करेंगे। अनूपपुर मे शैक्षणिक परिणामों को शत प्रतिशत ले जाएंगे।
नए उत्साह का हुआ है संचार -संजय मिश्रा
शा.माडल उ.मा.वि. अनूपपुर के वरिष्ठ अध्यापक श्री संजय मिश्रा कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने देश के भविष्य निर्माताओ को सशक्त करने का पवित्र कार्य कर रहे अध्यापक समुदाय की पीड़ा को समझा है।
सामाजिक प्रतिष्ठा मे हुई है वृद्धि
शा.मा.वि. पुष्पराजगढ़ के सहायक अध्यापक रमेश सोनकर का कहना है कि इस फैसले के आने से अध्यापक वर्ग के सम्मान मे वृद्धि हुई है। शिक्षा जैसा पवित्र कार्य करने के बाद भी विभागीय व्यवस्थाओं के कारण अभी तक यथोचित सम्मान नहीं प्राप्त हो रहा था।
शिक्षा के महत्व को पहचानती है सरकार
शासकीय विद्यालय देवहरा मे पदस्थ अध्यापक अजीत सिंह मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञपित करते हुए कहते हैं कि शिक्षा के महत्व को सरकार बखूबी पहचानती है उक्त निर्णय इस बात का प्रमाण है।