नए संगठन ने किया आरक्षण का समर्थन..परमार ने कहा..छत्तीसगढ़ में भूख से मर रहे लोग..नहीं बताया स्थान का नाम

BHASKAR MISHRA
4 Min Read

बिलासपुर— भाजपा , बसपा से डूबकी मारने के बाद गोविन्द सिंह परमार ने आरक्षण के समर्थन में नया संगठन खड़ा किया है। यद्यपि परमार ने अब किसी पार्टी से रिश्ता होना नहीं बताया है। लेकिन उनका संगठन कभी राजनीतिक दल का रूप में आ जाए..इस बात से स्पष्ट इंकार नहीं किया है। पत्रकारों को परमार ने बताया कि देश में दलितों के साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए बसपा और भाजपा को छोड़कर दलित हित के लिए नया संगठन बनाया है। परमार ने बताया कि दलितों के साथ चले बिना देश का विकास नहीं हो सकता है। यद्यपि परमार ने पत्रकार वार्ता के दौरान दलितों की पुरजोर वकालत करते हुए्र केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर बोला।लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सीधे सीधे कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                         गोविन्द सिंह परमार ने बताया कि वह राजस्थान में भाजपा संगठन के बड़े पदों पर रहे। बसपा से सांसद का चुनाव का चुनाव भी लड़ा। इस दौरान महसूस किया कि योजनाएं तो ठीक बनायी जा रही हैं। लेकिन दलितों का कल्याण नहीं हो रहा है। यही कारण हैं कि उन्होने पार्टियों से नाता तोड़कर दलित समाज के समर्थन में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति महापंचायत का गठन किया। इसमें ओबीसी और सामान्य वर्गों की भी भागीदारी है।

                    परमार ने बनया संगठन देश के 637 जिलों में काम करेंगा। पदाधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। संगठन दलितों के कल्याण के लिए काम करेगा। इस दौरान परमार ने आरक्षण को लेकर 2 अप्रैल को हुए भारत बंद का भी जिक्र किया।

                                यद्यपि परमार राजनैतिक सवालों से बचते रहे। उन्होने कहा कि 2 अप्रैल का भारत बंद स्वस्फूर्त और सफल था। एक सवाल के जवाब में उन्होने माना कि आंदोलन एट्रोसिटी को लेकर था। लेकिन लोगों ने इसे आरक्षण हटाने का निर्देश समझ लिया। क्या आरक्षण हटना चाहिए के सवा पर परमार ने कहा कि क्रीमिलेयर से आरक्षण को हटाया जाना चाहिए। लेकिन समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा हो कैसे। क्योंकि इससे नुकसान दलित समाज को ही हो रहा है।

                   क्या दलितों के साथ अत्याचार बढ़ा है। सवाल का जवाब देते हुए परमार ने कहा कि निश्चित रूप से अत्याचार बढ़ा है। इसके लिए सरकार दोषी है। प्रधानमंत्री को कुछ करना चाहिए। प्रधानमंत्री इसके लिए कितने जिम्मेदार हैं के सवाल पर परमार ने कैमरे के सामने कहा कि मुझे कुछ नहीं बोलना है। क्योंकि मोदी जी अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन उनके सपनों को जमीन पर ठीक से उतारा नहीं जा रहा है। इसलिए दलितों पर अत्याचार की शिकायत मिल रही है। लेकिन कैमरा हटते हुए उन्होने सरकार और मुखिया के खिलाफ जमकर बोला।

                          परमार ने इस दौरान कुछ पूरे विश्वास और कुछ अधूरे और सुने सुनाए आंकड़ों को पेश किया। इस दौरान उन्होने छ्तीसगढ़ में भूखमरी और दलितों के साथ अत्याचार की बात भी कही। लेकिन पत्रकारों को बता नहीं पाए कि आखिर कहां भूखमरी की स्थिति है और किस दलित के साथ अत्याचार हुआ है। परमार ने बताया पिछले कुछ सालों में दलितों पर क्रमशःसबसे ज्यादा अत्याचार उत्तर प्रदेश,बिहार ,राजस्थान और आन्ध्रप्रदेश में हुए हैं। उन्होने आंकड़ें भी पेश किये।

Share This Article
close