देश को चाहिए 5 करोड़ यूनिट ब्लड…दान में मिलता है 5 लाख यूनिट…अधिकारियों ने कहा…मिलकर चलाएंगे अभियान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— 14 जून को जिले के सभी सामाजिक संगठन मिलकर विशाल रक्तदान शिविर का एलान किया है। पत्रवार्ता में आयोजकों ने बताया कि संस्कारधानी बिलासपुर में भाईचारे और मानवता की बड़ी मिसालें हमेशा से स्थापित रही है। बिलासपुर के लोग सदैव समाजोपयोगी गतिविधियों में अपना सक्रीय योगदान देते रहे हैं। 14 जून को रक्त समूह का पहचान करने वाले कार्ल लैण्डस्टीनर का 14 जून को जन्मदिन है। हर साल 14 जून को अन्तराष्ट्रीय रक्दान दिवस के रूप में मनाया जाता है। रक्तदाताओं का सम्मान किया जाता है।

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                     पत्रकार वार्ता को बैंकर्स क्लब से पीएनबी में वरिष्ठ प्रबंधक ललित अग्रवाल, स्टेट बैंक अधिकारी एसबी सिंह,एरीना मल्टिमीडिया के डायरेक्टर संदीप गुप्ता, हैण्ड समाजिक संस्था के अविनाश आहुजा, चैम्बर ऑफ कामर्स से नवनीत छावड़ा,फाउन्डेशन क्रिकेट अकादमी से सुरेश शुक्ला और एकता ब्लड बैंक के डॉ.एस.के.गिडवनी ने संबोधित किया।

                   डॉ.एस.के.गिडवानी ने कहा कि विज्ञान का विकास तेजी से हुआ है। लेकिन रूधिर बनाना आज भी मानव के लिए रक्त का अविष्कार दिवा स्वप्न है। और यह संभव भी नहीं है। कार्ल लैण्डस्टीनर की याद में हर साल रक्तदान दिवस मनाया जाता है। देश दुनिया में करोड़ों लोग रक्तदान करते हैं। रक्तदान करने वालों को जहां आत्मीय शांत मिलती है। तो वहीं किसी को नया जीवन मिलता है। ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है। जितना खून लिया जाता है, मात्र 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है।

                 ललित अग्रवाल ने कहा हर साल लोगों को 4 करोड़ यूनिट से अधिक रूधिर की जरूरत होती है। लेकिन हम मात्र 5 लाख यूनिट ही ब्लड दान में पाते हैं। ललित अग्रवाल ने बताया कि अब भी बहुत प्रकार की भ्रांतियां है। इन भ्रांतियों को दूर करने पत्रकारों के बीच आना पड़ा। लोगों तक सच्चाई पहुंचे कि रूधिर दान महादान की श्रेणी में आता है। नियमित अंतराल में रूधिर दान देने से शरीर ना केवल स्वस्थ्य रहता है बल्कि किसी को नया जीवन भी मिलता है। ब्लड डोनेट कर एक शख्स दूसरे शख्स की जान बचा सकता है। ब्लड का किसी भी प्रकार से उत्पादन नहीं किया जा सकता और न ही इसका कोई विकल्प है।  हमारे शरीर में कुल वजन का 7% हिस्सा खून होता है। 25 प्रतिशत से अधिक लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है।

                                संदीप गुप्ता ने बताया कि बैंकर्स क्लब बिलासपुर, फ़ैडरेशन क्रिकेट अकादमी, हैंड्स ग्रुप, इनडोर गेम्स अकादमी, बिलासपुर डिस्ट्रिक्ट टेबल टेनिस असोसिएशन, यूथ छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कामर्स, टीचर्स हु इंस्पायर, जे सी सी एमबीए कोचिंग ने संयुक्त प्रयास से एरीना एनीमेशन और पिनाकल डिजाइन अकादमी ने एकता ब्लड बैंक के सहयोग से वृहद् कैम्प का आयोजन 14 जून को किया जाएगा.। उम्मीद है कि संयुक्त प्रयास से एकता बैंक को 300 यूनिट से अधिक ब्लड मिलेगा। निश्चित रूप से जरूरत मंदों के काम आएगा।

                    संदीप ने बताया कि 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस पर एरीना एनीमेशन अकादमी में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक रक्तदाता रक्तदान के लिए संपर्क कर सकते हैं। प्रेस कन्फ्रेसं को नवदीप अरोरा और डॉ.सुरेश शुक्ला ने भी संबोधित किया।

                                    पत्रवार्ता के दौरान हैण्ड सामाजिक संस्था के प्रमुख अविनाश आहुजा ने बताया कि ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है। जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है। नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर और दूसरी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। क्योंकि शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकल जाता है। समाज के संगठनों ने फैसला किया है कि संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। जो निश्चित रूप से सामाजिक सौहार्द्ध का सबसे बड़ा उदाहरण होगा।

            स्टेट बैंक के अधिकारी एस.पी.सिंह ने बताया कि हमेशा ब्लड डोनेट करने का सौभाग्य मिलता है। खुशी होती है कि ब्लड देने से किसी को जिन्दगी मिलती है और देने वाले को खुशी। सिंंह ने बताया कि 18 साल से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष, जिनका वजन 50 किलोग्राम या अधिक हो, वर्ष में तीन-चार बार ब्लड डोनेट करने का अवसर मिलता है। ब्लड डोनेट करने योग्य लोगों में से अगर मात्र 3 प्रतिशत भी खून दें तो देश में ब्लड की कमी दूर हो सकती है। ऐसा करने से असमय होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। इतना ही नहीं ब्लड डोनेट करने के बाद रक्तदाता पहले की तरह कामकाज करता है। इससे शरीर में किसी भी तरह की कमी नहीं होती।

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