छत्तीसगढ़ की 2287 ग्राम पंचायतें जुड़ेंगी मिशन अंत्योदय से,चार हजार गांवों का सशक्तिकरण 2020 तक करने का लक्ष्य

Shri Mi
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रायपुर।मुख्य सचिव अजय सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में ’मिशन अंत्योदय-गरीबी मुक्त ग्राम पंचायत योजना’ के राज्य स्तरीय सशक्त समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में तय किया गया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए चयनित 2287  ग्राम पंचायतों के 4024 गांवों में विभिन्न अधोसंरचनाओं का निर्माण, सामाजिक विकास के विभिन्न कार्यक्रम, आर्थिक विकास के विभिन्न योजनाओं और कौशल विकास के कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाएंगे। इन गांवों में रहने वाले सभी परिवारों के स्मार्टकार्ड बनाए जाएंगे और मलेरिया, फाइलेरिया, तपेदिक (टी.बी.), कुपोषण मुक्त गांव बनाया जाएगा। इन गांवों को 2020 तक पूर्ण रूप से गरीबी मुक्त बनाकर सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

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भारत सरकार की मिशन अंत्योदय गरीबी मुक्त ग्राम पंचायत योजना का क्रियान्वयन राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला बाल विकास, ऊर्जा, खाद्य, स्कूल शिक्षा, परिवहन, दूरसंचार, स्वास्थ्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, रोजगार और कौशल उन्नयन, पशुधन विकास, मत्स्य पालन, कृषि आदि विभागों के समन्वय से किया जाना है। योजना के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित 2287 ग्राम पंचायतों के 4024 गांवों का चयन किया गया है।

इन गांवों में जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए अधोसंरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इसमें बैंक और ए.टी.एम. की स्थापना, बारहमासी सड़कों का निर्माण, गांवों के भीतर सी.सी. सड़क, यात्री परिवहन, इंटरनेट की सुविधा, घरेलू उपयोग के विद्युत कनेक्शन, बाजार, पाइप-नल आधारित पेयजल व्यवस्था, डाकघर/उप डाकघर की स्थापना, जल निकास की व्यवस्था और आंगनबाड़ी केन्द्र की स्थापना शामिल है। इन गांवों में सामाजिक विकास और संरक्षण के लिए विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाना है।

इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सुरक्षित आवास, स्कूल, व्यवसायिक शिक्षा केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र, अपशिष्ट निपटान, सामुदायिक बायोगैस, शौचालय का निर्माण, बच्चों का आंगनबाड़ी में प्रवेश, संपूर्ण टीकाकरण और कुपोषण मुक्ति के लिए कार्य किए जाएंगे। आर्थिक विकास और कौशल उन्नयन के लिए इन गांवों में उन्नत कृषि, गैर कृषि गतिविधियों, पशु चिकित्सालय, मिट्टी परीक्षण केन्द्र, बीजोपचार केन्द्र, खाद की उपलब्धता, स्वसहायता समूहों और उत्पादक समूहों का सशक्तिकरण, कृषि विस्तार कार्यकर्ता, पशुधन विकास कार्यकर्ता और स्वसहायता समूहों को बैंक से ऋण दिलाने के लिए कार्य किए जाएंगे।

योजना के तहत बालोद जिले के 81 गांव, बलौदाबाजार के 100 गांव, बलरामपुर के 251 गांव, बस्तर के 305 गांव, बेमेतरा के 88 गांव, बीजापुर के 62 गांव, बिलासपुर के 95 गांव, दंतेवाड़ा के 73 गांव, धमतरी के 200 गांव, दुर्ग के 49 गांव, गरियाबंद के 278 गांव, जांजगीर-चांपा के 78 गांव, जशपुर के 71 गांव, कबीरधाम के 122 गांव, कांकेर के 177 गांव, कोण्डागांव के 168 गांव, कोरबा के 207 गांव, कोरिया के 271 गांव, महासमंुंद के 98 गांव, मुंगेली के 142 गांव, नारायणपुर के 57 गांव, रायगढ़ के 63 गांव, रायपुर के 133 गांव, राजनांदगांव के 502 गांव, सुकमा के 38 गांव, सूरजपुर के 45 गांव और सरगुजा के 270 गांवों का चयन किया गया है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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