जब कांग्रेसियों ने दिखाया तेवर…कहा..शैलेश को बनाया राजनीति का शिकार…जांच में आ जाएगा ब्लैकमेलर और षड़यंत्र का सच

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— गौरेला थाना में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष की अगुवाई में कांग्रेसियों ने शैलेश पाण्डेय के खिलाफ बिना जांच एफआईआर दर्ज करने के खिलाफ कोटा पुलिस प्रशासन से शिकायत की है। कांग्रेसियों ने बताया कि प्रमेन्द्र मानिकपुरी ब्लैकमेलर है। उसके खिलाफ सीवीआरयू ने कोटा थाना में कई बार शिकायत की। बावजूद इसके उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। जबसे शैलेश पाण्डेय बड़े नेता के रूप में सामने आए हैं। उनके खिलाफ साजिश के तहत मामला दर्ज कराया गया। इसके बाद बिना जांच पडताल के एफआईआर दर्ज भी कर लिया गया। इतनी जल्दबाजी किस बात की थी कि कोटा पुलिस प्रशासन ने ब्लैकमेलर की शिकायत पर बिना जांच पड़ताल  एफआईआर कर लिया। इससे पुलिस की गतिविधियों पर शक किया जाना वाजिब है। मामले में निष्पक्ष जांच हो। झूठी शिकायत करने वाले परबुधिया प्रमेन्द्र मानिकपुरी और उसके पीछे साजिश रचने वालों की षड़यंत्रकारी गतिविधियों का खुलासा हो।

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                   गौरेला ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की अगुवाई में पेन्ड्रा थाना में शिकायत की है। अध्यक्ष समेत सभी कांग्रेसियों ने लिखित शिकायत में कोटा पुलिस प्रशासन की गतिविधियों पर नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेसियों ने थाना प्रभारी को बताया कि प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। ब्लैकमेलर की झूठी शिकायत पर बिना जांच पड़ताल किए प्रदेश प्रवक्ता के खिलाफ बिना जांच पड़ताल के अपराध दर्ज किया जाना गहरी साजिश की तरफ इशारा करता है।

    लिखित शिकायत कर कांंग्रेसियों ने बताया कि प्रमेन्द्र मानिकपुरी ने राजनीतिक दबाव में अपराध दर्ज कराया है। इससे बड़ी गलती कोटा पुलिस की है कि दबाव में आकर बिना जांच पड़ताल अपराध भी दर्ज कर ली है।

                      कांग्रेसियों ने कहा कि प्रमेन्द्र मानिकपुरी कई बार ब्लैकमेल करने का प्रयास किया। बावजूद इसके उसने थाने में झूठी शिकायत नहीं की। जाहिर सी बात है कि उसने दबाव में आकर थाने में एफआईआर दर्ज करवाया है। चूंकि शैलेश पाण्डेय प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता हैं। मतलब साफ है कि सब राजनीतिक छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि शिकायत पर जांच हो। प्रमेन्द्र ने थाने में क्या दस्तावेज पेश किया है उसकी सत्यता भी जाहिर की जाए। निष्पक्ष जांच कर मामले को सामने लाया जाए। झूठी शिकायत करने वाले और दबाव डालने वाले पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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