बिलासपुर— पुलिस कप्तान आरिफ शेख ने जिला पुलिस बल में तैनात आरक्षक रोहिणी लोनिया को पुलिस बल में विद्रोह पैदा करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। लोनिया पर आरोप है कि रायपुर में होने वाले पुलिस परिजनों के धरना प्रदर्शन के लिए लोगों से समर्थन मांगा है। पुलिस कप्तान ने बर्खास्तगी कार्रवाई से पहले आरक्षक को नोटिस जारी किया था। जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर रोहिणी लोनिया को विभिन्न संवैधानिक अधिकारों के तहत बर्खात कर दिया है।
जानकारी के अनुसार जिला पुलिस बल बिलासपुर में तैनात आरक्षक रोहिणी लोनियों को पुलिस परिजनों के धरना प्रदर्शन का समर्थन करते पाया गया है। पुलिस कप्तान आरिफ शेख को विभिन्न सूत्रों से जानकारी मिली थी कि रोहिणी लोनिया सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़कर लोगों को शासन के निर्देशों के खिलाफ जाकर हड़ताल के लिए समर्थन मांगा है। रोहिणी लोनिया पहले से बर्खास्त राकेश यादव के साथ वाट्सग्रुप चलाता है। ग्रुप के माध्यम से लोगों को हड़ताल का समर्थन करने के लिए प्रेरित कह रहा है। वाट्सग्रुप का एडमिन भी रोहिणी लोनिया ही है।
पुलिस कप्तान ने बताया कि रोहिणी लोनिया ने सेवा शर्त नियम 4 का उल्लंघन किया है। इसके अलावा रोहिणी लोनिया को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम3(28) (12) के तहत कदाचारण का भी दोषी पाया गया है। जानकारी मिलने के बाद आरक्षक लोनिया को नोटिस भेजा गया। लेकिन संतोषप्रद जवाब नहीं मिला।
आरिफ शेख ने बताया कि इस समय प्रदेश में बन रहे वातावरण के मद्देनजर रोहिणी लोनिया के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना जरूरी था। लोनिया ने नियम कानून और निर्देशों के खिलाफ आचरण किया है। विभागीय जांच की प्रक्रिया को नजर अंदाज करते लोनिया को पुलिस बल में विद्राह की स्थिति पैदा करने के आरोप से पुलिस सेवा से मुक्त कर दिया गया है। एसपी ने बताया कि विभागीय जांच की प्रक्रिया काफी लंबी होती है।
इसलिए लोनिया को भारतीय संविधान की कंडिका 111 के खण्ड(2) तहत बर्खास्त कर दिया गया है। मामले की जानकारी संबधित कार्यालय और प्रशासन तक भेज दिया गया है।