सरकारी दफ्तरों में 27 जून को रहेगा कामकाज ठप्प…. कर्मचारी-अधिकारी एक दिन की हड़ताल पर … घोषणा पत्र का वायदा पूरा नहीं किया सरकार ने

Chief Editor
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रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार के सभी अधिकारी और कर्मचारी 27 जून बुधवार को अपनी मांगों को लेकर एक दिन के सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। जिससे सरकारी कार्यालयों में काम-काज ठप्प रहेगा। यह आंदोलन छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बेनर तले किया जा रहा है। जिसमें प्रमुख रूप से बीजेपी की ओर से 2013  केपिछले विधानसभा चुनाव के समय किए गए वायदे को पूरा करने की मांग की जा रही है। जिसमें कर्मचारियों-अधिकारियों के वेतन- भत्ते के भुगतान के साथ ही वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग शामिल है।
यह जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकसीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष पी.आर.यादव ने बताया कि मुख्य सचिव को छत्तीसगढ़ कर्मचारी -अधिकारी फेडरेशन की ओर से हड़तालल के संबंध में ज्ञापन पहले ही सौंप दिया गया है। जिसमें   छत्तीसगढ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से 9 मई 2018 को चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान, वेतन विसंगति, सहित अनेक मुद्दों पर विस्तार से बातचीत के संबंध किसी प्रकार की सकारात्मक पहल नही होने के कारण प्रतीकात्मक रूप से विरोध स्वरूप 27 जून को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की सूचना दी गई है।
उन्होने बताया कि छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन द्वारा  9 मई को अपनी माँगो और समस्याओ के संबंध मे मुख्य सचिव के  समक्ष  चर्चा कर विधान सभा चुनाव 2013 के दौरान सत्तारूढ़ दल भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र मे किये गये वादों और अन्य लंबित माँगो और समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौपते हुए इन्हें पूरा कराने का अनुरोध किया गया था । ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री के सचिव  सुबोध सिंह को सौंपकर उनसे भी चर्चा की गई । इसके उपरांत फेडरेशन द्वारा 12 जून को सत्तारूढ़ दल भाजपा के सभी सांसद ,सभी विधायकों जिनमें मंत्रीगण भी शमिल हैं ,को विधानसभा चुनाव 2013 के संकल्प पत्र ( धोषणा पत्र ) की प्रति सौंपकर उनसे भी इन्हें पूरा कराने का आग्रह किया गया । फेडरेशन ने अपनी 12 जून की प्रस्तावित हड़ताल को विकास यात्रा को देखते हुए स्थगित किया गया ।
श्री यादव ने कहा कि फेडरेशन के द्वारा अपनी माँगो को लेकर अब तक किये प्रयासों के बावजूद हमारी माँगो के प्रति शासन का रवैय्या सकारात्मक नही होने के कारण हमें 27 जून को एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर  सांकेतिक हडताल के लिए विवश होना पड रहा है । यदि हमारी माँगो को नही माना जाता है तो हमें भविष्य मे अनिश्चित क़ालीन हड़ताल के लिए विवश होना पड़ेगा ।
उन्होने बताया कि हमारी प्रमुख माँगो मे भाजपा के विधान सभा चुनाव 2013 के संकल्प पत्र /चुनावी घोषणा पत्र  मे किये गये कर्मचारी हितैषी वादो को पूरा करने जिनमें चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान, लिपिको सहित समस्त संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करने , पूर्ण पेंशन की पात्रता के लिए 33 वर्ष की जगह 25 वर्ष करने सहित बहुत से वादे शमिल हैं को पूरा कराने  की मांग है। साथ ही प्रदेश के समस्त निगम मंडल के साथ साथ समस्त पेंशनरों को भी सातवे वेतनमान का लाभ 01 जनवरी 2016 से देने , संविदा कर्मचारियों को नियमित करने ,प्रदेश के कर्मचारियों तथा पेंशनरों को केन्द्रीय दर पर महंगाई भत्ता देने ,राज्य परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठक आयोजित करवाने ,लंबित DA की किश्त का अविलंब नगद भुगतान करने ,नये रायपुर मे बसने के इच्छुक अधिकारियों , कर्मचारियों को सस्ती दरो पर विकसित भूखंड उपलब्ध कराने ,विभिन्न संगठनो की मान्यता संबंधी लंबित मामले का निराकरण कराने ,प्रांतीय पदाधिकारियों को पूर्व की भाँति मंत्रालय पास जारी कराने  जैसे मुद्दे शमिल हैं ।
पी.आर. यादव ने बताया कि कई बार इन मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराने  और सांकेतिक प्रदर्शन के बावजूद अब तक वेतन-भत्ते का भुगतान करने और वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए ।  जिससे मजबूर होकर कर्मचारी-अधिकारियों को आँदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है। 27 जून को प्रदेश सरकार के सभी विभागों के संचालक से लेकर भृत्य तक सभी कर्मचारी – अधिकारी हड़ताल पर रहेंगे  । जिसके लिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने एक दिन के अवकाश का आवेदन अपने विभागों में जमा कर दिया है। सभी 27 जिलों से खबर मिली है कि सभी कर्मचारी-अधिकारी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। जिसके जरिए हम सरकार को आगाह करना चाह रहे हैं कि मांगों का निराकरण जल्द ही कर दिया जाए। यह एक तरह से अनुशासित हड़ताल है। यदि इसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया तो जुलाई महीने से बेमुद्दत हड़ताल शुरू की जाएगी।एक सवाल के जवाब में  श्री यादव ने कहा कि यह कहना गलत है कि चुनाव को देखकर हड़ताल की जा रही है। हम लगातार सरकार को  उसके चुनावी घोषणा पत्र की याद दिलाते आ रहे हैं और इसे लेकर लगातार संघर्षरत हैं। लेकिन सरकार कर्मचारी-अधिकारियों को उनके जायज हक से वंचित कर रही है। जिससे मजबूर होकर आँदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। उन्होने बताया कि 27 जून को सभी 27 जिलों में कर्मचारी-अधिकारी एकत्रित होकर धरना-प्रदर्शन करेंगे ।
आंदोलनकारियों से छत्ता भी साथ लाने की अपील
पी.आर.यादव ने कहा कि 27  जून को सामूहिक अवकाश आंदोलन के साथ ही हम मानसून का स्वागत  भी करेंगे। उन्होने आंदोलनकारी सभी साथियों से अपील की है कि वे अपने साथ एक छत्ता भी लेते हुए आएँ।
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