नई दिल्ली-देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के लागू होने के एक साल पूरे होने पर जहां मोदी सरकार इसका जश्न मना रही है वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने पेट्रोलियम पदार्थों और इलेक्ट्रिसिटी को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करते हुए कहा कि अगर टैक्स की अलग-अलग दर ही रखनी हो तोइसे जीएसटी नहीं आरएसएस टैक्स कहा जाना चाहिए। उन्होंने जीएसटी की 28 फीसदी वाले स्लैब को भी खत्म करने की मांग की।चिदंबरम ने जीएसटी की कमियां गिनाते हुए कहा इसने आम आदमी पर टैक्स का बोझ बढ़ाया है। जीएसटी कारोबारियों के लिए किसी खौफ से कम नहीं है और गलत तरीके से लागू किए जाने की वजह से लाखों लोगों की नौकरी चली गई।पूर्व वित्त मंत्री ने कहा इसके दर और अनुपालन में इतनी खामियां है कि यह लोगों के लिए अब एक अपशब्द से कम नहीं है। उन्होंने कहा, जब साल 2006 में यूपीए सरकार ने जीएसटी लाने का सुझाव दिया था तो बीजेपी ने इसका कड़ा विरोध किया था वहीं अब इसे सबसे अच्छा बताकर गलत तरीके से लागू कर दिया।
चिंदबरम ने जीएसटी में बदलाव की मांग करते हुए अधिकतम टैक्स स्लैब 18 फीसदी रखने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने एक तिमाही में एक रिटर्न भरने, रिफंड की प्रक्रिया को आसान बनाने, जीएसटीआर 2 और 3 को जल्द नोटिफाई करने जैसी कई अहम मांग की है।
दूसरी तरफ पी चिंदबरम के इन बयानों पर वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा जीएसटी लागू करने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आई और आर्थिक विकास प्रभावित नहीं हुआ है और उनके लिए इसका लागू होना अंगूर खट्टे हैं जैसा है।