ब्लाइन्ड मर्डर…जो हो गया ओपेन..आसनसोल में पकड़ाया आरोपी..पुलिस की कामयाबी…पदहाखार में मिली थी लाश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पुलिस ने अप्रैल महीने में पदहाखार में हुई हत्या का खुलासा किया है। पुलिस ने दावा किया है कि हत्या के मुख्य आरोपी प्रभुनाथ सिंह को आसनसोल से गिरफ्तार किया गया है। बिलासागुड़ी में अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाते हुए एडिश्नल एसपी नीरज चन्द्राकर ने बताया कि फदहाखार में मिली लाश शंकर प्रसाद पिता राम तपेश्वर की थी। फिलहाल आरोपी को न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया।

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            बिलासागुड़ी में पत्रकारों के सामने एक पुराने हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी को पेश किया गया। एडिश्नल एसपी नीरज चन्द्राकर ने बताया कि 10 अप्रैल को महमंद निवासी देवेन्द्र निर्मलकर ने तोरवा थाने को सूचना दी कि फदहाखार में एक लाश पड़ी है। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। विवेचना के दौरान जानकारी मिली कि मरने वाले व्यक्ति का नाम शंकर प्रसाद पिता रामतपेश्वर की है। जो सिक्यूरिटी एजेंसी का संचालक करता था। जांच पंड़ताल के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

                        चन्द्राकर ने बताया कि जांच पड़ताल में जानकारी मिली कि मृतक शंकर प्रसाद प्रभुनाथ सिंह के सिक्यूरिटी एजेंसी में सुपरवाइजर का काम करता था। प्रभुनाथ सिंह आसनसोल पश्चिमी बंगाल का रहने वाला है। बिलासपुर में सिक्यूरिटी एजेंसी का संचालन करता है। शंकर प्रसाद सिक्यूरिटी एजेंसी में साल 2010 से काम करता था। 2017 में शंकर  ने प्रभुनाथ सिंह से हिसाब किताब के बाद अलग सिक्यूरिटी संचालन का काम करने लगा। जिससे प्रभुनाथ सिंह को काफी नुकसान हुआ।

              खुलासा के दौरान एडिश्नल एसपी ने बताया कि भारी आर्थिक नुकसान से नाराज प्रभुनाथ सिंह सिवान जेल में बंद शातिर आरोपी और परिचित हरीश पासवान से संपर्क किया। प्रभुनाथ सिंह ने हरीश पासवान को बताया कि शंकर को ठिकाने लगाने के बाद पांच लाख रूपए देगा। आने जाने का भाड़ा और खाना खर्च भी देगा।

                     हरीश पासवान ने जेल के अन्दर से मोबाइल पर ही शूटर मिथलेश सिंह,विमलेश सिंह, बलिया निवासी बाबू पाण्डेय शंकर का काम तमाम करने का निर्देश दिया।

               शूटर बिलासपुर पहुंचकर शंकर प्रसाद को अपने साथ फदहाखार जंगल ले गए। सिर पर पिस्टर से गोली चलाया। गोली चलते ही शंकर प्रसाद मौके पर ही ढेर हो गया। इसके बाद सभी आरोपी फरार हो गए।

पुलिस कप्तान ने बनाई टीम

                   जांच पड़ताल में प्रभुनाथ सिंह के शामिल होने और उसे गिरफ्तार करने पुलिस कप्तान ने एक टीम का गठन किया। अतिरिक्त पुलिस कप्तान नीरज चन्द्राकर के निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक नसर सिद्धिकी,उपनिरीक्षक रामनरेश गौतम के साथ टीम ने आसनसोल से आरोपी को धर दबोचा। नीरज चन्द्राकर ने बताया कि प्रभुनाथ सिंह को आसनसोल स्थित घर से पकड़ा गया। इसके साथ ही हत्या के समय उपयोग किए गए मोबाइल को भी जब्त किया गया। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर आज यानि 2 जुलाई को बिलासपुर लाया गया। 3 जुलाई को न्यायालय में पेश करने के प्रभुनाथ सिंह को जेल भेज दिया गया।

आसनसोल में भी चलाता है एजेंसी

नीरज चन्द्राकर ने बताया कि प्रभुनाथ सिंह आसनसोल में  विजिलेंस सिक्यूरिटी एजेंसी का संचालन करता है।

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