समर्पण में सफलता का मंत्र…दयानन्द ने किया प्रशासनिक अनुभवों को साझा..कहा..सहभागिता से बनाएंगे हरियर बिलासपुर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–कलेक्टर ने कहा कुछ हासिल करने के लिए त्याग भी करना पड़ता है। बिना त्याग और समर्पण से सफलता नहीं मिलती है। लक्ष्य के प्रति इमानदार होने और सही दिशा में प्रयास करने से सफलता जरूर मिलती है। पी.दयानन्द ने यह बातें प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होने बताया कि मैं आईएएस बनने का सपना उस समय से देख रहा था जब मुझे यह भी पता नहीं था कि आईएएस बनते कैसे हैं। समय के साथ समझ में आया। कठिन परिश्रम के बाद आईएएस बनने का अवसर मिला। प्रशासनिक सेवा में डायवर्सिटी बहुत है। जाहिर सी बात है कि काम करने में आनन्द भी आता है। उन्होने बताया कि यद्यपि घर के लिए बहुत कम समय मिलता है। इस दौरान पी.दयानन्द ने अपने प्रशासनिक अनुभवों को भी साझा किया।

                           कलेक्टर ने बताया कि सफलता के लिए त्याग बहुत जरूरी है। क्योंकि त्याग और समर्पण सफलता का पर्याय है। पी.दयानन्द ने बताया जन्म विहार में हुआ। पालन पोषण पठन पाठन उत्तर प्रदेश में हुआ। जमकर तैयारी की…इस दौरान मन भटका भी लेकिन लक्ष्य के प्रति ईमानदार होने के कारण यूपीएससी में सफलता मिली। आज उनकी सर्विस 12 साल से अधिक हो चुकी है।

                 पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई लिखाई की। अजब संजोग है कि साल 2005 में हमारे बैच के 47 लड़के इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आईएएस और आईपीएस बने। उन्होने बताया कि प्रेस क्लब आकर अच्छा लगा। पत्रकारों से खुलकर बातचीत हुई। लेकिन ऐसा अवसर बहुत कम मिलता है।

                                   कलेक्टर पी.दयानन्द ने पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया। उन्होने बताया कि मुझे सुकमा में पहली बार कलेक्टर बनने का मौका मिला। तात्कालीन समय सुकमा जिले के हालात ठीक नहीं थे। बावजूद इसके एक डेढ़ साल के भीतर लोगों के सहोयग से हालात को ठीक ठाक किया गया। हालात ठीक होने पर खुशी मिली। इसके बाद कवर्धा में भी जिला कलेक्टर बनने का अवसर मिला। बहुत काम करने का अवसर मिला। काफी कठिनाइयों का समाना हमेशा की तरह करना पड़ा। लेकिन धीरे धीरे सब कुछ ठीक होता चला गया। उन्होने बताया कि कोरबा कलेक्टर बना।

      सवाल का जवाब देते हुए पी.दयानन्द ने बताया कि बिलासपुर प्रदेश का दूसरा महत्वपूर्ण जिला है। यहां पिछले पन्द्रह सालों में विकास के बहुत काम हुए हैं। आज भी विकास कार्य तेजी से हो रहा है। बिलासपुर कलेक्टर बनने के बाद काम काज को लेकर कुछ रणनीति बनाया। रणनीति के अनुसार तेजी से काम किया।  शहर में करीब 102 सड़कों दुरूस्त किया गया। लोगों से भरपूर समर्थन भी मिल रहा है।

                 बिलासपुर में आपने क्या लक्ष्य बना रखा है।  पी.दयानन्द ने बताया कि संविधान और लोकतंत्र की धारणा और सरकार की योजनाओं को पूर्णरूप से क्रियान्वित करना ही प्रमुख लक्ष्य है। सरकार की योजनाएं अंतिम छोर तक पहुंचे। हमेसा की तरह यही प्रयास भी रहेगा। कामकाज लोकहित समाजहित और राष्ट्रहित में हो प्रशासनिक सेवा का उद्देश्य भी यही है।

             कलेक्टर ने बताया कि शासन के मंशानुरूप जिले में बृहदस्तर पर हरिहर बिलासपुर अभियान चलाया जाएगा। 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच पचास लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान को गंभीरता से लेते हुए ना केवल पौधरोपण होगा। बल्कि पौधों को बचाने के लिए विशेष प्रयास भी किए जाएंगे। ट्री गार्ड की विशेष व्यवस्था होगी। जो पौधा रोपेगा..ट्री गार्ड पर उस व्यक्ति का नाम भी रहेगा। प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को पौध संरक्षण की जिम्मेदारी दी जाए। क्योंकि सभी की सहभागिता से बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। कलेक्टर ने पत्रकार कल्याण कोष में 11 हजार रूपए का सहयोग किया।

                          इसके पहले बिलासपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष और सचिव ने पहुना कलेक्टर पी.दयानन्द का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया।

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