अजीत जोगी बोले-हत्या के आरोपियों का स्वागत कर केन्द्रीय मंत्री जयंत ने पद की गरिमा को किया कलंकित

Shri Mi
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रायपुर।जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवन्त सिन्हा के पुत्र एवं केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा झारखण्ड में माबलिंचिंग के आरोपियों को अपने घर बुलाकर स्वागत सत्कार करने को गैरवाजिब एवं अमर्यादित कृत्य निरूपित किया है। जयंत सिन्हा ने हत्या के आरोपियों का स्वागत कर केन्द्रीय मंत्री की गरिमा को कलंकित किया है। उन्हें इस शर्मनाक कृत्य के लिये देशवासियों से क्षमा मांगनी चाहिए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चाहिए कि वे इस विषय पर अपनी जुबान खोलें। जोगी ने कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधियों के स्तरहीन एवं अमर्यादित बयानों पर भाजपा की चुप्पी मौन स्वीकृति को दर्शाती है जो देश की एकता एवं सौहार्द के लिये खतरा बनती जा रही है।

अभी तक भाजपाईयों के केवल अमर्यादित एवं असंसदीय कथन सुनने और पढ़ने को मिलते थे, परन्तु अब तो हद हो गई कि भाजपा के केन्द्रीय मंत्री द्वारा हत्या के आरोपियों का खुलेआम स्वागत कर अमर्यादित घटना को महिमामंडित किये जाने के समान है जो जिम्मेदार भाजपाईयों की निम्न सोच एवं स्तरहीन हरकतों से सेक्यूलर देशवासी परेशान एवं दुखी हैं। केन्द्रीय मंत्री के पिता यशवंत सिन्हा द्वारा अपने पुत्र को नालायक कहना उनकी व्यथा को दर्शाता है। अपने मंत्री पुत्र को पिता यशवंत सिन्हा ने पुत्र नहीं कपूत सिद्ध कर दिया है।

अजीत जोगी ने कहा है आज तो हद हो गई जब भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद गिरिराज बिहार प्रांत के नवादा जेल में जाकर दंगा भड़काने के आरोपियों से मिले तदोपरांत उनके परिवारजनों से मिलकर सांत्वना व्यक्त की। यह सभी कृत्य यह सिद्ध करते हैं कि दंगा भड़काने का काम किस दल एवं संगठन के द्वारा किया जाता है।

आज देश भर में भाजपा द्वारा सम्पर्क एवं समर्थन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज नवादा जेल में दंगे के आरोपियों से संपर्क कर उनका समर्थन प्राप्त करना चाहते हैं जो मानवता एवं देश के सौहार्द को कलंकित करने वाला घटनाक्रम है।  इन घटनाक्रमों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से अपील है कि वे अपना अभिमत सार्वजनिक करें।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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