रायपुर,बिलासपुर सहित कुछ जिलो मे क्यो हो रहे अधिक सड़क हादसे ?रोकथाम के लिए किए जाएंगे उपाय

Shri Mi
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रायपुर-मुख्य सचिव अजय सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण के संबंध में बैठक आयोजित की गयी। मुख्य सचिव ने राज्य में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं के कारण हो रहे मृत्यु की रोकथाम पर जोर दिया। बैठक में यह तय किया गया कि सड़क दुर्घटनाओं के कारणों पर गम्भीरता से विचार किया जाएगा और कारणों के डाटा का संकलन घटना स्थल पर ही निर्धारित प्रपत्र में किया जाएगा।राज्य स्तर पर इन प्रपत्रों का विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया जाएगा और दुर्घटनाओं के कारणों को जानकर दुर्घटनाओं में कमी लाने के प्रयास किये जाएंगे।दुर्घटना स्थल के रूप में चिन्हांकित सड़कों का सुधार किया जाएगा और राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा संचालित एम्बुलेंस सुविधा स्वास्थ्य विभाग को सौंपी जाएगी। जिसका संचालन 108 संजीवनी एक्सप्रेस के साथ किया जाएगा।बैठक में परिवहन विभाग के सचिव अमिताभ जैन, सचिव गृह विभाग अरूण देव गौतम, सचिव स्वास्थ्य निहारिका बारिक सहित यातायात, लोक निर्माण, स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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बैठक में गृह विभाग के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में जनवरी से जून माह तक हुए सड़क दुर्घटनाओं और दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु की तुलनात्मक जानकारी दी। रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, दुर्ग, कोरबा और रायगढ़ में सर्वाधिक सड़क दुर्घटना और दुर्घटना के कारण मृत्यु रिकार्ड किये गए हैं।

सड़क दुर्घटना में मरने वालों में से 18 से 35 आयु वर्ग के लोगों की संख्या अधिक है। शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गयी है। दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी लगातार गश्त में रहती है। विभाग द्वारा लगातार जन जागरूकता अभियान चलाकर सड़क दुर्घटना के बचाव के लिए यातायात के नियम की जानकारी दी जा रही है साथ ही चालानी कार्यवाही भी की जा रही है।

बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य भर की प्रमुख शहरों में 341 स्थानों का चिन्हांकन दुर्घटना जनित क्षेत्र के रूप में किया गया है। इन स्थानों का सुधार कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल कांकेर में ट्रामा सेंटर क्रियाशील है। यहां सड़क दुर्घटना में प्रभावित लोगों का इलाज किया जाता है।

राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों ने बताया कि जिन सड़कों से टोल टैक्स की वसूली होती है उन सड़कों पर राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा एम्बुलेंस की व्यवस्था की गयी है। सड़क दुर्घटना की सूचना मिलते ही एम्बुलेंस दुर्घटना स्थल में बचाव कार्य के लिए भेज दी जाती है।

ज्ञातव्य है कि उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा कमेटी द्वारा नियमित रूप से राज्यों में हो रहे सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु की समीक्षा की जाती है। वर्तमान में समिति के मुखिया सेवानिवृत्त न्यायधीश के.एस. राधाकृष्णन है। समिति द्वारा 12 जुलाई को दोपहर 12 बजे से विज्ञान भवन नई दिल्ली में राज्यों की सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक बुलाई गयी है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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