बिलासपुर—मांगी मुराद पूरी हो जाए तो क्या कहना…। बच्चों के बीच लोकप्रिय हो चुके कलेक्टर पी.दयानन्द ने ना केवल आदिवासी बच्चों की मुराद पूरी की..बल्कि बच्चों के साथ कुछ पल बीताकर अपने बचपन को याद भी किया।
यदि मांगी मुराद बिना कुछ कहे पूरी हो जाए तो क्या कहना। यदि विश्वास नहीं तो इस खुशी को गौरेला विकासखंड के लालपुर कन्या आदिवासी छात्रावास के बच्चों के बीच पहुंचकर महसूस किया जा सकता है। हमेशा की तरह कलेक्टर पी.दयानन्द कामकाज का निरीक्षण करने गौरेला पहुंचे। कलेक्टर पी.दयानन्द अचानक लालपुर स्थित आदिवासी छात्रावास में बच्चों भी गए। अपने बीच जिला प्रमुख को पाकर बच्चों का उत्साह देखने लायक था। वही कलेक्टर भी अपने आपको बच्चों के बीच पाकर बचपन में डूब गए।
आदिवासी छात्रावास में बच्चों के बीच कलेक्टर ने करीब एक घंटे से अधिक समय दिया। बातचीत के दौरान कलेक्टर को जानकारी मिली कि बच्चों को फुटबाल खेलना बहुत पसंद है। लेकिन फुटबाल नहीं होने के कारण बच्चे खेल से दूर हैं। इतना सुनते ही कलेक्टर पी.दयानन्द ने अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिया कि बच्चों को फुटबाल खरीदकर दिया जाए। कलेक्टर का आदेश मिलते ही मात्र एक घंटे के अंदर बच्चों को फुटबॉल उपलब्ध कराया गया। फुटबाल पाकर बच्चों की खुशी देखते ही बन रही थी। बच्चों की खुशी का आनन्द कलेक्टर ने भी लिया।
कलेक्टर के आदेश के बाद अधिकारियों ने ना केवल फुटबाल बल्कि कैरम समेत अन्य खेल सामाग्रियां भी उपलब्ध करायी। इसके पहले कलेक्टर पी.दयानन्द बिलासपुर पहुचते छात्राओं ने मैदान में गोल दागकर जमकर जश्न मनाया।
लालपुर आदिवासी छात्रावास निरीक्षण के दौरान कलेक्टर पी.दयानन्द ने छात्राओं से खाने पीने, साफ सफाई के बारे में पूछा । कलेक्टर ने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तत्काल सम्पर्क करेंगे।