शिक्षाकर्मी नेता ने कहा…विधान बन गया…अब अधिकार भी लेकर रहेंगे…मांगा संगठन से सुझाव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ प्रदेश शिक्षाकर्मियों के साथ संविलियन को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी। परिणाम हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं सहीं लेकिन हम शासकीयकरण का दरवाजा खोलने में सफल रहे। शासकीय शिक्षकों की समकक्षता हासिल करनें में सफल में भी सफल रहे अभी भी समानता हासिल नहीं हुई है। हमारी लड़ाई अभी बाकी है। आठ वर्ष से कम सेवा अवधि वाले हमारे साथी अभी भी संविलियन से वंचित है। वर्ग 3 के साथ साथ अन्य वर्गों के साथियों की वेतन विसंगति बरकरार है। यह बातें संजय शर्मा ने प्रेस नोट जारी कर कही है।
                         संजय शर्मा ने बताया कि हमारी हमेशा से रही कि सबसे पहले संविलियन के लिए स्थायी विधान बनाया जाए। जाहिर सी बात है इससे अधिकतम साथियों को फायदा था। वंचित शिक्षाकर्मियों के संविलियन,क्रमोन्नति, वर्ग तीन के वेतन विसंगति(समानुपातिक/ समकक्ष) समेत अन्य प्रमुख विषयों पर हमनें अपनी नाराजगी और तत्सबंधी विषयों पर सुधारात्मक सुझाव शासन तक पहुंचा दिया है। अब मामले में प्रक्रियात्मक गति देनें की तैयारी हो रही है। हम अपनें बाकी मांगों की पूर्ति के लिए मजबूती से आगे बढ़ेंगे।
                      संजय ने बताया कि आठ वर्ष से कम सेवा अवधि वाले शिक्षाकर्मियों का संविलियन। क्रमोन्नति के साथ वेतन निर्धारण। वर्ग तीन की वेतन विसंगति दूर करते हुए समानुपातिक / समकक्ष वेतनमान की मांग हम पुरजोर तरीके से रखेंगे।  संविलियन के बाद शासकीय शिक्षकों का प्रचलित पदनाम और अधिकार हासिल करना है। समयमान एवं पदोन्नति के साथ प्रधान पाठक और प्राचार्य पद पर शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति को आने वाले समय में प्रमुखता से उठाना है।
                        संजय ने 9 सूत्रीय मांग को पेश करते हुए कहा कि  अनुकम्पा नियुक्ति, स्थानांतरण नीति, आगामी संविलियन 1 जनवरी 2019 तक करने का दबाव शासन पर डाला जाएगा। शिक्षक नेता ने बताया कि छत्तीसगढ़ पंचायत नगर निगम शिक्षक संघ जल्द ही  प्रांतीय बैठक आयोजित कर आगामी रणनीति तैयार करेगी। इस दौरान लोगों से मिले सुझावों को मांग पत्र में शामिल जाएगा।
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