हिस्ट्रीशीटर हरदीप खनूजा का कारनामा…पार्टनर के पीठ में भोंका छुरा…फर्जी दस्तावेज से बेंच दिया करोड़ों की जमीन..पीछे पड़ी पुलिस

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–बिलासपुर पुलिस करोड़ों रूपए की अमानत पर खयानत के मामले में खनूजा की शिद्दत से तलाश कर रही है। बिल्डर हरदीप खनूजा एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार है। पुलिस ने जमीन मालिक सुनील छावड़ा, रवि मोटवानी और अजय गुरूनानी की शिकायत पर साल 2015 में तखतपुर में हरदीप के खिलाफ 35 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेज तैयार कर  बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज किया गया था। बाद में मामला खात्मा का भी चला…लेकिन पीएचक्यू से लेकर बिलासपुर पुलिस ने छानबीन के बाद हरदीप खनूजा को जालसाजी का आरोपी पाया। गिरफ्तारी का आदेश निकलते ही हरदीप खनूजा फरार हो गया है।

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                 जानकारी देते चलें कि तखतपुर थाना क्षेत्र के अरईबंध में सूर्या बिल्डकान के डायरेक्टर सुनील छावड़ा,रवि मोटवानी,अजय गुरुवानी की 35 एकड़ जमीन है। जमीन को डेवलप करने तीनों ने हरदीप खनूजा को लिखित शर्ता पर दस प्रतिशत का साझेदार बनाया। डीड में बताया गया है कि  सुनील छावड़ा,रवि मोटवानी और अजय गुरूवानी तीस-तीस प्रतिशत के पार्टनर हैं।

                         सुनील छावड़ा ने बताया कि 35 एकड़ जमीन को डेवलप करने की जिम्मेदारी हरदीप खनूजा को दी गयी थी। हरदीप खनूजा ने अमानत में खयानत कर साल 2016 में 35 एकड़ जमीन का सौदा अधिराज बिल्डर से किया। जबकि हरदीप को जमीन पर डेवलपमेन्ट करने के अलावा किसी प्रकार का क्रय विक्रय का अधिकार नहीं है।यहां तक की तीसरा पार्टनर अजय गुरूवान को भी जमीन क्रय विक्रय या सम्पत्ति हस्तांतरण का अधिकार नहीं है। बावजूद इसके हरदीप ने 35 एकड़ जमीन अधिराज बिल्डर को 5 करोड़ 14 में बिना किसी सूचना के बेच दिया।

                                               सुनील छावड़ा ने बताया कि एक दिन अधिराज बिल्डर का प्रमुख मिलने आया और जमीन रजिस्ट्री के लिए दबाव बनाया। उसने बताया कि अरईबंध स्थित 35 एकड़ जमीन 5 करोड़ 14 लाख में खरीद लिया है। बावजूद इसके अभी तक रजिस्ट्री नहीं किया गया। माजरा समझने के बाद अधिराज बिल्डर के जिम्मेदार व्यक्ति को बताया कि जमीन खरीदने बेचने का काम काम केवल सुनील छावड़ा और रवि मोटवानी ही कर सकते हैं। यहां तक कि तीसरा पार्टनर अजय गरूनानी के पास भी पावर ऑफ अटार्नी नहीं है। हरदीप खनूजा 10 प्रतिशत का पार्टनर तो है लेकिन डेवलप कार्य के लिए। इस दौरान अधिराज बिल्डर ने बताया कि हरदीप खनूजा ने एक करोड़ लाख रूपए एडवांस भी लिया है।

तखतपुर थाने में शिकायत

                    सूर्या बिल्डकान डायरेक्टर सुनील छावड़ा ने बताया कि मामले में साल 2015 में हरदीप के खिलाफ थाने में शिकायत की गयी। तात्कालीन थानेदार मोहले और एसडीओपी शमशीर ने मामले में जांच की। हरदीप को दोषी पाया। लेकिन गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई से बचने हरदीप ने फर्जी बिक्री पत्र तैयार कर मामला तात्कालीन आईजी पवन देव के सामने रखा। पवनदेव ने मामला को खात्मा करने का आदेश दिया।

न्याय का इंतजार लेकिन मिला धोखा

                सुनील छावड़ा ने बताया कि मामले में कार्रवाई को लेकर महीनों इंंतजार किया। इस बीच तखतपुर थानेदार भी बदल गया। जब जानकारी लेने पहुंचे तो तात्कालीन थानेदार मोतीलाल शर्मा ने बताया कि मामला खात्मा की तरफ है। इसके बाद मामले की शिकायत एसपी से की। एसपी ने हरदीप खनूजा के फर्जी दस्तावेज को हैण्डराइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा। जांच पड़ताल में सामने आया कि खनूजा ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन की बिक्री की है। तीनो डायरेक्टरों का सिग्नेचर फर्जी है। यहां तक की गवाह भी फर्जी है। इस बीच कार्रवाई के पहले ही तात्कालीन एसपी मयंक श्रीवास्तव का स्थानांतरण हो गया।

आरिफ शेख से गुहार

      सुनील छावड़ा ने बताया कि एक बार फिर पुलिस कप्तान आरिप शेख से गुहार लगाया गया। आरिफ शेख ने हरदीप खनूजा के फर्जी दस्तावेज को जांच पड़ताल के लिए पीएचक्यू भेज दिया। हैण्डराइटिग एक्सपर्ट ने बताया कि दस्तावेज फर्जी हैं। सुनील,रवि और अजय के हस्ताक्षर भी फर्जी हैं। गवाह भी नकली है। रिपोर्ट मिलने के बाद आरिफ शेख ने हरदीप खनूजा के खिलाफ पुराने एफआईआर को जीवित करने के साथ ही अन्य धारा जोड़ने का आदेश दिया।

विभिन्न मामलों मे अपराध दर्ज…हरदीप फरार

                        सुनील छावड़ा ने बताया कि हरदीप खनूजा के खिलाफ पुलिस कप्तान के निर्देश पर तखतपुर में एफआईआर दर्ज किया गया। पुराने एफआईआर को जीवित कर धारा 420 के अलावा,467,468 और 471 दर्ज किया गया। फिलहाल हरदीप खनूजा फरार है। हरदीप को पकड़ने घर भी गयी। लेकिन अभी तक हाथ नहीं लगा है।

हिस्ट्रीशीटर हरदीप पर कई मामले दर्ज

            बिल्डर की दुनिया में शहीदों के नाम पर मेला लगाने वाला हरदीप खनूजा आदतन धोखेवाज और अपराधी है। तारबाहर और सिविल लाइन में उसके खिलाफ कई पुराने आपराधिक मामले दर्ज हैं। हरदीप खनूजा कबी चोरी का मिट्टी तेल और पेट्रोल बेचा करता था। तारबाहर मामले में आज भी अपराध दर्ज है। सिलेन्डर की कालाबाजारी करता था। एक बार पुराने स्थित उसके एसटीडी पीसीओ सिलेन्डर का विस्फोट हुआ। पीसीओ में काम करने वाली लड़की का हाथ उखड़ गया। मामला किसी तरह दबा दिया गया। बाद में आटो भी चलाया। लेकिन चोरी के आरोप में जेल जाना पड़ा।

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