राहुल गांधी को नहीं इन्हें पीएम बनाना चाहते हैं एच डी देवगौड़ा

Shri Mi
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नईदिल्ली।2019 में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए विपक्षी एकता का समर्थन करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पीएम पद की उम्मीदवार बनाने का समर्थन किया है। उन्होंने सिर्फ पुरुषों को प्रधानमंत्री बनाए जाने की बात का विरोध करते हुए राहुल की बजाय ममता को विपक्ष का चेहरा बनाए जाने की वकालत की।

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देवगौड़ा ने कहा, ‘यदि ममता को प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष के चेहरे के रूप में चुना जाता है तो इससे उन्हें कोई भी एतराज नहीं है।’उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में 17 साल तक शासन किया। सिर्फ हमे (पुरूषों को) ही प्रधानमंत्री क्यों बनना चाहिए? ममता या मायावती को क्यों नहीं?

बता दें कि देवगौड़ा का यह बयान उसके बाद आया है जिसमें यह कहा जा रहा था कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का मुद्दा चुनाव बाद के लिए छोड़ना चाहती हैं ताकि विपक्षी एकता को नुकसान न पहुंचे।देवगौड़ा ने कहा कि 1996 में यूपीए की अध्यक्षता में गठित संयुक्त मोर्चे की सरकार का नेतृत्व उन्हीं की पार्टी जेडीएस ने ही किया था। हालांकि उनका कार्यकाल साल भर से कम का था पर इस दौरान महिला आरक्षण विधेयक को उन्होंने संसद में पेश किया था।

उन्होंने कहा कि असम में NRC का मसौदा जारी होने के बाद जिस तरह से ममता ने एक संघीय मोर्चा बनाने की कवायद शुरु की है वो काबिल-ए-तारीफ है। ममता सभी गैर बीजेपी पार्टियों को एक साथ लाने के लिए अपनी ‘सर्वश्रेष्ठ कोशिश’ कर रही हैं।गौरतलब है कि एनआरसी मसौदा सूची में असम के 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं।

देवगौड़ा ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां बीजेपी का मुकाबला करने के लिए अन्य पार्टियों से सहयोग करने को तैयार हैं।उन्होंने कहा कि बीजेपी के एक राजनीतिक विकल्प के लिए कोशिश धीरे-धीरे जोर पकड़ेगी। एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस को भी एक अहम भूमिका निभानी होगी।

देवगौड़ा ने इस बात का भी जिक्र किया कि कांग्रेस और उनकी पार्टी 2019 का आम चुनाव कर्नाटक में साथ मिल कर लड़ेंगी। हालांकि, सीट बंटवारे के मुद्दे पर अब तक चर्चा नहीं हुई है। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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