कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था को घोर तंगहाली में धकेल दिया

Shri Mi
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Modi Government, Congress, Indian Economy, Arun Jaitley, Narendra Modi, Economy, Randeep Surjewala, Bjp Government,नई दिल्ली-कांग्रेस ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी अनौपचारिक और अदूरदर्शी आर्थिक नीतियों से उन्नतिशील अर्थव्यवस्था को बिगाड़कर घोर तंगहाली में धकेल दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सिलसिलेवार ढंग से किए ट्वीट के जरिए कहा, ‘प्रिय अरुण जेटली, कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल (2004-2014) के दौरान देश में स्वतंत्रता के बाद सबसे अधिक कारक-लागत आधारित दशकीय आर्थिक विकास दर 8.13 फीसदी रही। मोदी सरकार में 2017-18 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर 6.7 फीसदी रही, जो चार साल का निचला स्तर है। जुलाई 2018 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने खुद विकास दर अनुमान घटाया है।’उन्होंने कहा, ‘जेटलीजी को मालूम हो कि मोदी सरकार को एक ऐसी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली जो प्रगति की ओर अग्रसर थी। लेकिन बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) की अनौपचारिक और अदूरदर्शी नीतियों-विमुद्रीकरण, त्रुटिपूर्ण ढंग से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करने और कर आतंकवाद के कारण तेजी की रफ्तार खत्म हो गई।’

सुरजेवाला ने वित्तमंत्री अरुण जेटली के सोशल मीडिया के उस पोस्ट की प्रतिक्रया में ट्वीट किया है जिसमें जेटली ने कहा कि 2014 में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार के सत्ता में आने के बाद ही परिवर्तनकारी बदलाव आया है।जेटली ने अपने पोस्ट में कहा कि 2014 और 2018 में जारी आंकड़ों से साबित हुआ है कि उच्च मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटा और चालू खाता घाटा के साथ-साथ बुनियादी ढांचागत व बिजली क्षेत्र में गतिरोध पूर्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की विफलता के कारण थे।

जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘हमने काफी प्रगति की है। पिछले चार साल में सरकार ने विधायी व अन्य मामलों में सिलसिलेवार ढंग से सुधार लाए हैं। तंत्र में काफी स्वच्छता और पादर्शिता आई है।’सुरजेवाला ने जवाब दिया कि कुछ प्राचलों (पैरामीटर) से जाहिर होता है कि अर्थव्यस्था में मंदी का रुख रहा है और किसी प्रकार से लीपापोती करने से उन तथ्यों को बदला नहीं जा सकता।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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