शिक्षक फेडरेशन का अब गांव चलो अभियान,शिक्षाकर्मी नेता ने कहा शिक्षकों को कर रहे गुमराह

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने अपनी 5 अगस्त से शुरू होने वाली हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल तो वापस ली है तब से वह आलोचकों के निशाने पर है। फेडरेशन ने अब अब गांव की ओर चलो अभियान शुरू किया है। जिसमें गांव के सभी जनप्रतिनिधियों से सहायक शिक्षक फेडरेशन समर्थन लेगा जानकारी देते हुए इदरीश खान ने बताया कि मांगों कें लिय़े फेडरेशन क़ा नया आगाज चलो गांव कीं ओर शुरू किया गया है जिसमे फेडरेशन जन प्रतिनिधियों से समर्थन मांगने गांव गांव कूच करेगा 6 सितम्बर से 10 सितम्बर तक सतत सम्पर्क कर सरपंच , जनपद अध्यक्ष , जिला सदस्य , जिला पंचायत अध्यक्ष , विधायक , सांसद गणों से अपनी मांगों क़ा समर्थन प्राप्त करेगा ।

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छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन कें प्रांत संयोजक शिव सारथी , इदरीश ख़ान , मनीष मिश्रा , जाकेस साहु , अजय गुप्ता ने संयुक्त बयान जारी कर सभी शिक्षकों से जनप्रतिनिधियों से समर्थन मांगने ‘ चलो गांव गांव कीं ओर ‘ कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं जिसमें लोगों को अधिक से अधिक समर्थन प्राप्त करना हैं पूरे प्रदेश कें शिक्षकों से इस आंदोलन को सफल बनाने सम्पर्क अभियान को चलाने कीं अपील कीं हैं ।

इदरीश खान ने बताया कि आन्दोलन यह हैं कि सभी अपने-अपने स्कूल ग्राम के सरपंच,अपने क्षेत्र के विधायक, सांसद से हमारे माँग सम्बन्धी समर्थन पत्र जारी करावे तथा उसे माननीय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तक पहुँचाये। यह कार्यक्रम 10 सितम्बर तक निरन्तर चालू रहेगा।

सहायक शिक्षक फेडरेशन के इस कदम पर प्रति क्रिया व्यक्त करते हुए। सहायक शिक्षक व CGSSPN के मीडिया प्रभारी प्रदीप पांडेय ने फेडरेशन के इस कदम को ढकोसला बताते हुए सिलसिले वार आरोप लगाते हुए बताया कि जब इस तरह के कार्यक्रम ही चलना था तो फिर प्रदेश के हजारों सहायक शिक्षक एलबी और सहायक शिक्षक पंचायत को आंदोलन की राह पर उद्दवेलित करने की क्या जरूरत थी।

प्रदीप ने बताया कि एक ओर आंदोलन के नाम पर चंदा वसूली कि जाती है। फिर ठीक समय पर अनिश्चित कालीन आंदोलन स्थगित कर चलो गांव की ओर अभियान चला दिया जाता है। इसे सहायक शिक्षक साथियों के साथ धोखा नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे लेकिन यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की धोखा धड़ी इनके द्वारा किया जा चुका है।

प्रदीप ने बताया कि 5 सितंबर शिक्षक दिवस की ही बात कर लें फेडरेशन ने शिक्षक दिवस का बहिष्कार करते हुए काला दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया था। इनके आह्वान को मानते हुए प्रदेश अनेक सहायक शिक्षक साथी कली पट्टी लगाकर शिक्षक दिवस का बहिष्कार किए थे। किन्तु यही प्रांतीय संचालक जिला स्तर पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में शामिल हुए।

प्रदीप पाण्डेय ने बताया कि उन शिक्षकों की क्या गलती थी।जिन्होंने फेडरेशन के बहकावे में आकर अपने स्कूल में शिक्षक सम्मान समारोह का बहिष्कार किया। और उन बच्चों की क्या गलती थी जो अपने शिक्षक का सम्मान करने की तैयारी करके विद्यालय आए थे किन्तु इनके काला दिवस मनाने के कारण नहीं कर पाए।

प्रदीप ने बताया कि इस तरह बार बार सहायक शिक्षक को गुमराह करने का काम किया जा रहा है यह गलत है।पहले विरोध करते है अब मिलने का मिलाने की बात करते है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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