नई दिल्ली-केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विजय माल्या के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कभी उससे मुलाकात नहीं की थी। अरुण जेटली ने कहा कि यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है और यह सच को जाहिर नहीं करता है। उन्होंने कहा कि 2014 से मैंने उसे मिलने का समय कभी नहीं दिया इसलिए मेरे साथ उसकी मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता है। बता दें कि बुधवार को लंदन में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर दावा किया कि उसने भारत छोड़ने से पहले मामले के निपटारे के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी।अरुण जेटली ने माल्या के दावों को खारिज कर एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘हालांकि वह राज्य सभा के सदस्य थे और कभी-कभी सदन में आते थे तो एक बार जब मैं सदन से अपने कमरे के लिए निकल रहा था तो उसने विशेषाधिकार का गलत उपयोग किया। वो मुझे पकड़ने के लिए कदम बढ़ाया और चलते हुए एक वाक्य कहा कि ‘मैं समझौते के लिए ऑफर कर रहा हूं।”
इससे पहले माल्या ने कहा कि वित्त मंत्री से मुलाकात कर देश छोड़ने से पहले बैंकों से सेटलमेंट का ऑफर दोहराया था। उन्होंने कहा कि बैंक ने मेरे सेटलमेंट पत्र पर आपत्ति दायर की थी।बता दें कि माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) समेत देश के कुल 13 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। वे भारतीय अदालतों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के समन के बावजूद लंदन में हैं।इसके अलावा माल्या के वकील ने दावा किया कि आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों को कर्ज में डूबे किंगफिशर एयरलाइन्स के नुकसान के बारे में पूरी जानकारी थी। माल्या के वकील ने कहा कि आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों के ईमेल दिखाते हैं कि विजय माल्या पर नुकसान को छुपाने के सरकार के आरोप आधारहीन है।
The statement of Vijay Mallaya that he met me & offered settlement is factually false in as much as it does not reflect truth. Since 2014, I have never given him any appointment to meet me and the question of his having met me does not arise.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) September 12, 2018
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विजय माल्या के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कभी उससे मुलाकाता नहीं की थी। अरुण जेटली ने कहा कि यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है और यह सच को जाहिर नहीं करता है। उन्होंने कहा कि 2014 से मैंने उसे मिलने का समय कभी नहीं दिया इसलिए मेरे साथ उसकी मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता है। बता दें कि बुधवार को लंदन में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर दावा किया कि उसने भारत छोड़ने से पहले मामले के निपटारे के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी।
Since he was a Member of Rajya Sabha and he occasionally attended the House, he misused that privilege on one occasion, having been fully briefed about his earlier “bluff offers”, I curtly told him “there was no point talking to me and he must make offers to his bankers.”
— Arun Jaitley (@arunjaitley) September 12, 2018
अरुण जेटली ने माल्या के दावों को खारिज कर एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘हालांकि वह राज्य सभा के सदस्य थे और कभी-कभी सदन में आते थे तो एक बार जब मैं सदन से अपने कमरे के लिए निकल रहा था तो उसने विशेषाधिकार का गलत उपयोग किया। वो मुझे पकड़ने के लिए कदम बढ़ाया और चलते हुए एक वाक्य कहा कि ‘मैं समझौते के लिए ऑफर कर रहा हूं।”