जनता करती है परिवार की रक्षा…निकाय मंत्री अमर अग्रवाल का बयान-बिलासपुर को नहीं बनने दूंगा अशांति का टापू..जांच में आएगा सच

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि ना जाने कांग्रेसी कहा से विरोध प्रदर्शन की नई तरकीब सीखकर आए हैं। ऐसी तरकीब मुझे देश में कहीं देखने को नहीं मिली। किसी के घर में घर कचरा फेंकना कितना उचित है..कांग्रेसियों को इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। क्योंकि संविधान और लोकतंंत्र की बात करने वाले कांग्रेसियों को इतनी समझ तो होगी कि किसी के घर में कचरा फेंकना या जानबूझकर गंदगी फैलाना कानूनन जुर्म है..और अव्यवहारिक भी। उन्हें यह भी मालूम है कि सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय भारतीय परम्परा का मूल मंत्र है।
               निकाय मंत्री पत्रकारों से बताया कि मंत्री भी इंसान होता है। वह भी जनता के बीच का हिस्सा और सेवक होता है। उसके परिवार होते हैं। समाज में उसकी भी मान मर्यादा होती है। रैम्बो बनने के लिए किसी के मान सम्मान को ठेस पहुंचाना उचित नहीं है। पिछले 60 सालों में यह बात कांग्रेसियों की समझ में क्यों नहीं आयी। जो निश्चित रूप से चिंता का विषय है।
                                 अमर ने कहा लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। लोकतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन का भी अधिकार है। लेकिन संविधान में यह कही नहीं लिखा है कि किसी घरों में कचरा फेंकें। उन्होने कहा कि मै हमेशा जनसेवा के कार्य से घर से बाहर रहता हूं। बावजूद इसके मुझे कभी भी परिवार को लेकर चिंता नहीं रही। क्योंकि घर की जिम्मेदारी जनता के हवाले होती है। लेकिन कांग्रेसियों ने जनता की आंख में धूल झोंककर घर में सीमेन्ट, पत्थर और कचरा फेंककर विरोध की नई संस्कृति का जन्म दिया है। निश्चित रूप से यह कांग्रेसियों की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।  क्योंकि उन्हें अच्छी तरह से मालूम है कि मंत्री या किसी आम नागरिक के घर में कचरा, पत्थर फेंकना अपराध है। अपराध के खिलाफ पुलिस कार्यवाही तो होगी..कांग्रेस नेताओं ने जानबूझकर वही किया।
           अमर ने बताया मेरा जन्म राजनीतिक परिवार में हुआ। जनसेवा विरासत का हिस्सा है। मैने राजनीति में कई प्रकार के प्रदर्शन देखे। सभी प्रदर्शनों का स्वागत किया। लेकिन गंदगी फेंकने वाला प्रदर्शन मुझे अपने शहर में मिला। यह सोचकर मैं दुखी हूं..समझ सकता हूं कि जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ा होगा। एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान कहा कि सरकार कांग्रेस का कचरा साफ कर रही है। लेकिन कांग्रेसियों ने बयान को तोड़ मरोड़कर कांग्रेस को कचरा समझ लिया। निश्चित रूप से ऐसा राजनीतिक लाभ के लिए किया गया।
                          निकाय मंत्री ने बताया कि चुनाव आते ही समझ में फेर होना लाजिमी है। कांग्रेसियों को मुद्दों की तलाश है। सबको यह भी मालूम है कि उनके पास अब मुद्दे रह नहीं गए। यही कारण है कि उन्होने जनता से सहानुभूति पाने बात को बतंगड़ बना दिया। यह भी सच है कि आगे भी इस प्रकार के झूठ पर आंदोलन होते रहेंगे। लेकिन इससे कांग्रेसियों का भला होने वाला नहीं है। फिर भी सतर्क हूं..कि अपने शांति के टापू बिलासपुर को कभी भी अशांति का क्षेत्र नहीं बनने दूंंगा।
                   निकाय मंत्री ने कहा  मुख्यमंत्री ने कांग्रेस कार्यालय में लाठीचार्ज और निज निवास में कचरा, पत्थर फेंकने की घटना को लेकर दण्डाधिकारी जांच का दिया है। जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि सम्पूर्ण घटना की जानकारी सबके सामने आ जाएगी। निश्चित् तौर पर दोनों घटनायें टाली जा सकती थी। लेकिन कांग्रेसियों को यह गवारा नहीं था। जिस बयान पर कांग्रेसी हंगामा कर रहे है, वह बयान मैने दिया ही नहीं। या फिर उन्होने ठीक से सुना ही नहीं। मैंने कहा था कि, इतने सालो में कांग्रेसियों ने जो कचरा जमा किया था, उसे अब हम साफ करा रहे है। मेरा ये बयान ऑन रिकार्ड है।
                 अमर ने कहा कांग्रसियों ने मेरे घर को हर बार निशाना बनाया। घर के सामने धरना प्रदर्शन घेराव के दौरान गाली गलौच कर परिवार को असमंजस की स्थिति में डाला। जबकि उन्हें अच्छी तरह से मालूम है कि मेरी गैरमौजुदगी में पत्नी और बच्चे अकेले रहते है। ऐसी घटनाओं से उनका भयभीत होना स्वाभाविक है। बताना चाहूंंगा कि पिछले कुछ सालों से कांग्रेसियों ने निज निवास के घेराव करने की नई संस्कृति का जन्म दिया है।  लोकतंत्र में विरोध करने का सबको अधिकार है, लेकिन किसी के निज निवास पर कचरा, पत्थर फेंकना सभ्य समाज की संस्कृति नहीं कहा जा सकता। घटना में जांच के आदेश हो चुके है, मैं सभी से आग्रह करता हूॅ कि, धैर्य और शांति बनाये रखें, यही शहर की संस्कृति है।
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