हजारों की संख्या में कांग्रेसी गिरफ्तार…614 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज…टीएस समेत सभी कांग्रेसी देर शाम हुए रिहा

BHASKAR MISHRA
      बिलासपुर– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का विरोध करने जा रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने दयालबन्द के पास धर दबोचा। पुलिस ने करीब हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तारी के बाद अस्थायी जेल गुरूनानक स्कूल भेज दिया। बिलासपुर में जिला कांग्रेस की टीम कांग्रेस भवन के सामने से काला झण्डा दिखाने विधानसभा नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव की अगुवाई में रवाना हुई। टीम को जगह जगह रोकने का प्रयास किया गया। गांधी चौक में टीएस सिंहदेव समेत सभी नेताओंं ने श्रद्धासुमन भेंट किया। चंद सौ-दो सौ मीटर चलने के बाद कैरियर प्वाइंट के पास सभी नेताओं को पुलिस ने सांकेतिक गिरफ्तार कर अस्थायी जेल भेज दिया।
                18 सितम्बर को कांग्रेस भवन के अंदर घुसकर कांग्रेसियो पर लाठीचार्ज किया गया था। घटना के बाद पीसीसी कार्यकारिणी बैठक में फैसला लिया गया कि जब तक सरकार न्यायिक जांच का आदेश नहीं देती है…दोषी पुलिस अधिकारी को बर्खास्त नहीं किया जाता है…स्थानीय मंत्री और मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं..तब तक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का विरोध किया जाएगा।
        पीसीसी निर्देश के बाद प्रदेश के नेताओं को समर्थकों के साथ जांजगीर चांपा पहुंचकर प्रधानमंत्री को काला झण्डा दिखाने को कहा गया। पार्टी के बड़़े ब़ड़े नेताओं को जिलों की जिम्मेदारी दी गयी। बिलासपुर में टीएस सिंहदेव ने नेतृत्व किया। आज करीब 11 बजे टीएस सिंंहदेव जिला कांग्रेस के 100 से अधिक नेताओं के साथ कांग्रेस कार्यालय से काफिले में काला झण्डा दिखाने जांजगीर की तरफ रवाना हुए। लेेकिन सभी लोगों को गांधी चौक से चंद कदम आगे चलने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
गांधी चौक पर पुष्पांजलि
                     गांधी चौक पहुंंचने के बाद टीएस सिंहदेव, विजय केशरवानी ,नरेन्द्र बोलर, अशोक अग्रवाल, रविन्द्र सिंह,तैय्यब हुसैन, शिवा मिश्रा, शैलेश पाण्डेय,अभय नारायण राय, महिला नेत्री सीमा पाण्डेय, सीमा सोनी, जसबीर गुम्बर,शैलेन्द्र जायसवाल,विनोद साहू समेत सभी नेताओं ने राष्ट्रपिता के प्रति सम्मान जाहिर किया। इस दौरान सैकड़ों हजारों की संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे। सभी हाथों में काला झण्डा था। सैकड़ों नेताओं ने तो काली शर्ट पहन रखा था।
पुलिस की चुस्त व्यवस्था
                    काला झण्डा दिखाने के एलान के बाद शहर में पुलिस व्यवस्था काफी चुस्त थी। जगह जगह पुलिस के विशेष बल तैनात किए गए थे। जांजगीर जाने वाले रास्तों को ब्लाक कर दिया गया था। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस चौकस नजर आयी। लेकिन शहर में अप्रिय स्थिति का स्थिति नहीं पहुंची। गिरफ्तारी के समय कांग्रेसियों ने शांति व्यवस्था को बनाकर रखा। लेकिन जमकर नारेबाजी की।
कैरियर पाइंट को बनाया अस्थायी जेल
              जाँजगीर के लिए कांग्रेसी करीब दो सौ गाड़ियों पर सवार होकर निकले। कांग्रेसियों का काफिला जैसे ही कैरियर पाइंट के पास पहुंचा। प्रशासन ने नेताओं के काफिले काफिले को रोक लिया। कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर अस्थायी जेल कैरियर पाइंट में रखा गया। एसडीएम और अतिरिक्त तहसीलदार ने बताया कि प्रशासन ने कुल 614 लोगों को गिरफ्ततार किया है।

अस्थायी जेल में बंद सभी नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 107,151 के तहत अपराध दर्ज किया गया। सभी नेताओं को करीब 5 बजे अस्थायी जेल से रिहा कर दिया गया। सभी नेता एक बार फिर नारेबाजी कर घर के लिए रवाना हुए।

              गिरफ्तारी देने वाले प्रमुख नेताओं में विधायक दिलीप लहरिया, करुणा शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस उपाध्क्ष बैजनैथ चँद्राकर, वाणी राव, शैलेश पाण्डेय, अशोक अग्रवाल ,शेख गफ्पार, विवेक बाजपेयी, मुंगेली जिला कांग्रेस अध्यक्ष आत्मा सिंह क्षत्रीय, समेत बिलासपुर , कवर्धा, बेमेतरा इलाके के भी कांग्रेसी इस दौरान गिरफ्तार हुए।
लड़ाई अंजाम तक चलेगी
       अस्थायी जेल से रिहा होने के बाद विधानसभा नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव ने कहा कि सरकार तानाशाह से सत्ता चला रही है। लाठीचार्ज की घटना के बाद लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। आज हमारे साथी हजारों की संख्या में प्रधानमंत्री कार्यक्रम का विरोध करने जांजगीर जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करते हुए गिरफ्तार कर ली। वर्तमान सरकार लोगों की जुबान बंद करना चाहती है। हमारी मांग है कि लाठीचार्ज घटना की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज करें। लाठीचार्ज के दोषी अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए। जब तक हमारी मांग पुरी नहीं होती है तब तक लोकतांत्रिक तरीके से सरकार के हर कार्यक्रम का विरोध किया जाएगा।
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