रतनपुर क्षेत्र के कोल डिपो में छापा…खनिज विभाग की कार्रवाई में जेसीबी जब्त..खतरे में मां तारा डिपो का लायसेंस

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— खनिज विभाग की टीम ने गुरूवार बह रतनपुर क्षेत्र के दो कोल डिपो में रियायत के साथ छापामार कार्रवाई की है।टीम को दोनों कोल डिपो में अवैध रूप से कोयला परिवहन की जानकारी मिल रही थी। छापामार कार्रवाई के दौरान मां तारा और जगदम्बा कोल डिपो में कोयला का अवैध डम्प के अलावा टीम ने जेसीबी और कोयला वाहन करते गा़ड़ी को जब्त कर लिया है। खनिज विभाग की कार्रवाई से कोयला डिपो संचालकों में हड़कम्प है। लेकिन यह बात भी सामने आ रही है कि जब ट्रैक्टर से कोयला परिवहन करते पाया गया तो डिपो को केवल पेनाल्टी के बाद क्यों छोड़ दिया गया। जबकि डिपो को सील किया जाना था। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के एक दिन पहले कोयला माफिया अमित ओबेराय ने टीम को गेयर में लेने का प्रयास किया था लेकिन दूसरे दिन उसके कोल डिपो में छापामार कार्रवाई से जाहिर हो गया कि अमित ओबेराय के सारे प्रयास नाकाम साबित हो गए।

             
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              खनिज विभाग ने गुरूवार की सुबह रतनपुर क्षेत्र के दो कोल डिपो में छापामार कार्रवाई की है। दोनों ही कोल डिपो से डम्प कोयला..कोयला परिवहन करते ट्रैक्टर,और जेसीबी को जब्त किया गया है। जगदम्बा और मां तारा कोल डिपो में छापा मार कार्रवाई के बाद कोल डिपो संचालकों में हड़कम्प है। राहत की बात है कि कार्रवाई के बाद पहली बार कोल डिपो को सील नहीं करते हुए टीम ने पेनाल्टी थमा दिया है।

              जानकारी के अनुसार दो दिन पहले रतनपुर क्षेत्र के ही दो अन्य डिपो में खनिज विभाग ने छापामार कार्रवाई की थी। कोयला किंग अमित ओबेराय इंदौर वाला ने घूम-घूम कर खनिज विभाग टीम को गेयर में लाना का प्रयास किया था। बताया यह भी जा रहा है कि जब दूसरे कोल डिपो में छापामार कार्रवाई चल रही थी उस समय अमित ओबेराय पूरे समय खनिज विभाग टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा था। उसे पूरी उम्मीद थी कि  छापामार कार्रवाई से बच जाएगा।

               दूसरे दिन खनिज विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई कर मां तारा कोल डिपो में छापामार कार्रवाई कर कोयला, ट्रैक्टर और जेसीबी को जब्त कर लिया है। जानकारी यह भी मिल रही है कि किसी तरह अमित ओेबेराय और जगदम्बा कोल डिपो संचालक डिपो को सील होने से बचा लिया। खासतौर पर कोयला किंंग अमित ओबेराय कोल डिपो को सील होने से बचाने में विशेष रूप से कामयाब हुआ।

                  नियमानुसार रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद मां तारा कोल डिपो को ना केवल सील किया जाना उचित था बल्कि लायसेंस भी निरस्त हो सकता था। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ..पेनाल्टी लगातार डिपो को खुला छोड़ दिया गया। यह जानते हुए भी कोयला डिपो क्षेत्र में ट्रैक्टर से कोयाला परिवहन करना अपराध है।

जिले का नया कोयला किंग

         मालूम हो कि अमित ओबेराय मुंगेली बिलासपुर में चार से पांच जगह अवैध तरीके से कोयला डिपो का संचालन कर रहा है। सभी कोल डिपो में नियमों की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है। खेतखार के बीच में कोयला डिपो का संचालन किया जा रहा है। कोयले की डस्ट से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। पर्यावरण विभाग से विशेष आशीर्वाद हासिल होने से अमित ओबेराय के हौसले बुलंद है। मोहदा मो़ड स्थित कोल डिपो में देर रात्रि रोजाना कोयला चोरी की सारी हदें पार होती है। इसी तरह मुंगेली जिले के सरगांव में गुरूनानक कोल सेल डिपो में भी जमकर कोयला कटिंग और मिक्सिंग का खेल चल रहा है।

                जानकारी देते चलें कि अमित ओबेराय का अपना कोई कोल डिपो नहीं है। वह इंदौर से आकर दूसरे के लायसेंसी कोल डिपो को किराया में लिया है। सभी कोल डिपो में कटिंग और मिसिंग का खेल कर रोजाना लाखों रूपए की कमाई करता है। डिपो संचालन में ना तो पर्यावरण नियमों को तवज्जो देता है और ना ही खनिज विभाग को भजता है। लोगों की माने तो खनिज विभाग स्टाफ में ओबेराय की अच्छी पकड़ है। यही कारण है कि वह सस्ती कार्रवाई के बाद हमेशा बच निकलता है।

         अमित ओबेराय का अकेले बिलासपुर और मुंगेली जिले में कुल 4 कोल डिपो किराये पर लेकर चलाता है। बिल्हा और सरगांव में कोयला की सर्वाधिक चोरी अमित ओबेराय की टीम करती है।

चलाएंगे अभियान

                       कार्रवाई के बाद खनिज इंस्पेक्टर उत्तम खूंटे ने बताया कि मां तारा और जगदम्बा कोल डिपो के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। मौके से जेसीबी,ट्रैक्टर और कोयला को जब्त कर लिया गया है। हमारे पास डिपो सील करने का अधिकार नहीं है। अभी कोयला संचालकों के खिलाफ व्यापक स्तर पर छापामार कार्रवाई का अभियान चलाया जाएगा।

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