सूखे के हालात, सरकार करेगी राहत के उपाय

Chief Editor
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रायपुर ।     मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुधवार को  यहां मंत्रालय में आयोजित केबिनेट की बैठक में राज्य में मानसून और खरीफ फसलों की स्थिति की गहन समीक्षा की। उन्होंने कृषि, ऊर्जा, जल संसाधन और अन्य संबंधित विभागों को किसानों के व्यापक हित में सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए। बैठक के बाद पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री  अजय चंद्राकर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने केबिनेट में सिंचाई जलाशयों के जल-भराव की ताजा स्थिति की भी समीक्षा की। केबिनेट में जल संसाधन विभाग की ओर से बताया गया कि वर्तमान में सिंचाई जलाशयों की परिस्थिति और उपलब्धता के अनुसार फसलों के लिए पानी दिया जा रहा है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि जिन जलाशयों में 50 प्रतिशत से अधिक जल भराव है, वहां जिला जल उपयोगिता समिति से विचार-विमर्श कर किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को किसानों के सिंचाई पम्प कनेक्शनों के लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाने और बिजली की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए ट्रांसफार्मरों के बेहतर रख-रखाव के निर्देश दिए। कृषि विभाग की ओर से बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत सिंचित क्षेत्र के धान की फसल को भी अधिसूचित किया गया है। इस बीमा योजना में अऋणी किसानों के प्रीमियम की राशि जमा करने की अंतिम तारीख 30 सितम्बर 2015 तक बढ़ाने के लिए प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है।

             
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केबिनेट की बैठक में बताया गया कि राज्य में चालू मानसून के दौरान विगत एक जून से आज 26 अगस्त तक 731 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की औसत बारिश का 90 प्रतिशत और विगत दस वर्षों की औसत बारिश का 86 प्रतिशत है।
बैठक में बताया गया कि खण्ड वर्षा की स्थिति के कारण प्रदेश के 29 तहसीलों में 60 प्रतिशत से कम बारिश दर्ज की गई है, जबकि 34 तहसीलों में 60 प्रतिशत से 80 प्रतिशत के बीच बारिश हुई है। प्रदेश में 45 लाख 31 हजार हेक्टेयर के रकबे में विभिन्न खरीफ फसलों की बोनी हो चुकी है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 102 प्रतिशत है। धान की रोपाई दस लाख 39 हजार हेक्टेयर में पूर्ण हो चुकी है, जो लक्ष्य का 95 प्रतिशत है। लगभग 26 लाख हेक्टेयर में धान बोता पूर्ण कर लिया है। इसमें से 18 लाख 17 हजार हेक्टेयर (लगभग 70 प्रतिशत) में बियासी पूर्ण हो चुकी है। शेष 30 प्रतिशत में बियासी का कार्य लंबित है। खण्ड वर्षा वाले 29 तहसीलों में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए एकीकृत आकस्मिक कार्य योजना एक सप्ताह के भीतर तैयार करने के निर्देश संबंधित जिला कलेक्टरों को दिए गए हैं। इनमें कोरिया, जशपुर, महासमुन्द, रायपुर, गरियाबंद, राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद, धमतरी, कांकेर और कोण्डागांव जिले शामिल हैं।

 

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