बिलासपुर—चुनावी सुगबुगुहाट के साथ मेंठक दौड़…नाराजगी…रूठने मानने का खेल शुरू हो गया है। कहीं सी़डी तो कहीं आडियो क्लिपिंग की चर्चा है। कहीं कोई कुछ कहा रहा तो…कहीं कोई कुछ…। इन तमाम झंझटों के बीच पार्टियों में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। खासतौर पर बसपा और जोगी कांग्रेस गठबंधन के बाद प्रत्याशियों में नाराजगी भी शुरू हो गयी है। 55 और 35 फार्मूला के बाद जनता कांग्रेस प्रत्याशियों ने मुंह फूला लिया है। प्रदेश के कोने कोने से लोग रायपुर पहुंचकर सागौन बंगले में अपनी आप बीती सुना रहे हैं।
खबर है कि पिछले 15 दिनों से मस्तूरी क्षेत्र के नेता और संभावित जनता कांग्रेस प्रत्याशी सागौन बंगला पहुंचकर जोगी से सीट को लेकर अपनी नाराजगी लगातार जाहिर कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार मस्तूरी के पार्टी नेता और कार्यकर्ता जोगी से मिलकर बसपा खिलाफ जंग का एलान कर दिया है। मस्तूरी के नेताओं ने कहा कि यदि सीट को बसपा से वापस नहीं लिया गया तो चुनाव से दूर रहेंगे। जबकि कई संभावित प्रत्याशी पहले से ही पार्टी की तरफ से प्रचार प्रसार कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार ज्वाला प्रसाद चतुर्वेदी,संतोष दुबे,ळक्ष्मी भार्गव,रामेश्वर भार्गव और कुर्रे ने बसपा के लिए प्रचार करने से मना कर दिया। नेताओं ने जोगी से बताया कि क्षेत्र में बसपा के प्रति आक्रोश है। कल तक हम बसपा के खिलाफ बयानवाजी कर रहे थे। ऐसी सूरत में चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार प्रसार करना मुश्किल होगा। यदि सीट नहीं बदला जाता है तो जनता कांग्रेस कार्यकर्ता घर से नहीं निकलेंगे। ना ही बसपा के मंच को साझा ही करेंगे।
जानकारी यह भी मिली है कि मस्तूरी क्षेत्र के नेताओं ने मांग की है कि मस्तरी सीट को बेलतरा से अदला बदली कर दिया जाए। मतलब बेलतरा सीट बसपा को देकर मस्तूरी सीट से जनता कांग्रेस प्रत्याशी को उतारा जाए। बताया जा रहा है कि लगातार दबाव और जनता की मांग पर जोगी ने परामर्श पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है।बावजूद इसके जोगी ने कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया है कि पार्टी अलग होने के बाद भी बसपा से हमारा मजबूत गठबंधन है। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है।
कयास लगाया जा रहा है कि यदि सीट की अदला बदली हुई तो मस्तूरी से लक्ष्मी भार्गव,रामेश्वर भार्गव के अलावा संतोष कुर्रे की दावेदारी होगी। तीनों ही संभावित प्रत्याशी अलग-अलग खूंंटे से बंधे हुए हैंं। तीनों का दावा है कि टिकट उन्हें ही मिलेगी। लेकिन सबसे बड़ा खतरा बेलतरा प्रत्याशी अनिल टाह के लिए है। अनिल टाह पिछले पांच महीनों से क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। उन्हें लगातार समर्थन भी मिल रहा है। क्षेत्र में मजबूती के साथ पार्टी को स्थापित भी किया है।
यदि मस्तूरी और बेलतरा सीटों की अदला बदली होती है तो अनिल टाह को सर्वाधिक प्रभावित करने वाला होगा। यदि ऐसा होता भी है तो इसका असर बिलासपुर जनता कांग्रेस प्रत्याशी पर भी पड़ेगा..इस बात से इंंकार नहीं किया जा सकता है।