सहायक शिक्षक फेडरेशन की चार सूत्रीय मांग: केबिनेट मीटिंग पर टिकी निगाहें, सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प

Shri Mi
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शिक्षक पंचायत,बस्तर,शिक्षामंत्री.धरना प्रदर्शन,शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा,प्रान्तीय संचालक विकास सिंह राजपूत,नवीन शिक्षाकर्मी संघ,प्रदेशाध्यक्ष व शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चारायपुर।छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” के प्रदेश संयोजक जाकेश साहू, मनीष मिश्रा, इदरीस खान, शिव सारथी एवं अजय गुप्ता ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि आज की कैबिनेट बैठक में यदि राज्य सरकार “फेडरेशन” की चार सूत्रीय मांगों को पूरा करती है तो हम राज्य की रमन सिंह सरकार का ऐतिहासिक व अभूतपूर्व स्वागत करते हुए अब तक का सबसे बड़ा सह-परिवार महा-सम्मेलन करेंगे, और वह भी राजधानी के सबसे बड़े खुले मैदान में। जंहा प्रदेश के 1,09,000 शिक्षाकर्मी वर्ग-03 व करीब 2,00,000 (दो लाख) इनके परिवारिक सदस्य एवं रिस्तेदार, इस प्रकार कुल 3,00,000 (तीन लाख) जन समुदाय की उपस्थिति में होगा।

             
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लेकिन आचार संहिता लगने से पहले यदि राज्य सरकार “छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” की मांगो को पूरा नहीं करेगी तो आने वाले विधान सभा चुनाव 2018 में “फेडरेशन” द्वारा राज्य की भाजपा सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका जाएगा।

प्रदेश संयोजक जाकेश साहू, मनीष मिश्रा, इदरीस खान, शिव सारथी, अजय गुप्ता, रंजीत बनर्जी, छोटेलाल साहू, अश्वनी कुर्रे, संकीर्तन नंद, भारती साहू, सुखनंदन यादव, बसंत कौशिक, हूलेश चन्द्राकर एवं सीडी भट्ट ने प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया को जारी विज्ञप्ति में आगे बताया कि आज की कैबिनेट बैठक से हमे बड़ी उम्मीदें टिकी है पर इसमें यदि हमारे मांगो पर निर्णय नहीं हुआ तो हम सीघ्र ही मुख्यमंत्री निवास रायपुर (सीएम हाउस) का अनिश्चिचित कालीन घेराव करेंगे।

और हम सभी प्रदेशभर के 1,09,000 सहायक शिक्षक एलबी / पंचायत संवर्ग तब तक रायपुर से अपने स्कूलों को वापस नहीं लौटेंगे जब तक हमारी जायज मांगे नहीं मान ली जाएगी।
बलराम यादव, किलेश्वरी सांडिल्य, टिकेश्वर भोई, शिव मिश्रा, विश्वास भगत, रविप्रकाश लोह सिंह, शंकर नेताम, शेषनाथ पांडे, पुरुषोत्तम झाड़ी, उत्तम बघेल, शिव साहू, दिलीप पटेल एवं रमेश पटेल ने कहा कि हम अपनी जायज मांगो को लेकर विगत तीन माह से अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है फिर भी अब तक सरकार हमारी मांगो को अनदेखा कर रही है। हमे कल के केबिनेट बैठक से बड़ी उम्मीदें है।

विरेंद्र चन्द्रवंशी, सिराज बख्स, ईश्वर चन्द्राकर, विजय साहू, चन्द्रदेव राम, बैजनाथ यादव, तरुण वैष्णव, नोहर चंद्रा, राजेश्वर लोनिया, शंकर साहू, यादवेंद्र गजेंद्र एवं देवेन्द्र हरमुख ने कहा कि जब देश के अनेक राज्यो सहित, नवोदय विद्यालय व केन्दीय विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षक को 9300 + 4200 मिल रहा है तो हमे क्यो नहीं। आठ वर्ष से कम सेवा वाले 42,000 शिक्षाकर्मियों को संविलियन का लाभ नहीं मिलना घोर अन्याय है। 3500 पीड़ित परिवार को अब तक अनुकम्पा नियुक्ति क्यों नहीं….?

सभी प्रांतीय कोर कमेटी के सदस्यों ने कहा कि राज्य के प्रत्येक गांवों में प्राथमिक विद्यालय है जंहा पर हम अपनी सेवाएं दे रहे है। सभी गांवों में मतदाता रहते है जिनसे हमारा सीधा संपर्क है।
यदि राज्य सरकार हमारी मांगो की अनदेखी करती है तो हम गांव-गांव में जाकर आम जनता को चाय पे चर्चा, दीवार लेखन व नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से बताएंगे कि सरकार हमारे साथ अन्याय कर रही है।

प्रत्येक मतदाताओं को सरकार की नाकामयाबियाँ, और खामियों से अवगत कराते हुए प्रदेश में एक जनकल्याणकारी सरकार को चुनने की अपील करेंगे। सभी 1,09,000 वर्ग-03, इनके पारिवारिक सदस्य 1,09,000 × 20 = 21,80,000 (इक्कीस लाख, अस्सी हजार) है।

ये सभी पारिवारिक सदस्य प्रत्येक शिक्षाकर्मी के पति-पत्नी, बच्चे, माता-पिता, सास-ससुर, साला-साली, मामा, मौसी, बुआ, दादा, दादी, नाना-नानी एवं अन्य सगे सम्बन्धी आदि है। जो प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा में लगभग 20 हजार वोट है जो किसी भी प्रत्याशी को हराने और जिताने में सक्षम है। क्योकि जीत हार का अंतर भी पिछले चुनावों में 5 से 10 हजार वोटों का ही था।

भारतीय संविधान में लोकतांत्रिक व्यवस्था है जिसमें सभी को मत देने का अधिकार है जिसे हम बखूबी इस्तेमाल करेंगे।
संविधान में नागरिकों के मूलभूत छह अधिकारों के तहत शोषण के विरुध्द अधिकार हमे प्राप्त है। परंतु राज्य सरकार द्वारा नियम कानूनों को तोड़-मरोड़ कर हमारा खुलेआम आर्थिक शोषण किया जा रहा है जिसकी इजाजत देश का संविधान राज्य सरकार को नहीं देता।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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