लोन के नाम पर घोखाधड़ी…… कर्जदार को पता चला, जब नोटिस मिली…. बैंक मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज

Chief Editor
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लोरमी (योगेश मौर्य ) । बैंक एक ऐसी संस्था जहां ऋण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसे लोगो को उन्हें ऋण दिया जाता है जिन्हें उसकी आवश्यकता है और जो बैंक से उधार लेकर अपना  व्यवसाय बढ़ाकर या कोई उपक्रम तैयार कर अपनी आमदनी बढ़ा सके। लेकिन जब कोतवाल ही चोर बन जाये तब क्या होगा…..?  ऐसा ही एक मामला सामने आया है , जहां हितग्राही को पता ही नही चला और उसके नाम पर 3 लाख पैसा निकाल कर डकार लिया गया । 4 साल बाद जब बैंक से रिकवरी का नोटिस भेजा गया तब उस खातेदार के होश उड़ गए।
लोरमी पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में पंजाब नेशनल बैंक के खपरीकला शाखा के पूर्व शाखा प्रबंधक बलराम सिंह पैकरा  (जो अभी वर्तमान में कोरबा में पदस्थ है )  पुलिस ने उनके और सहयोगी दलालों के खिलाफ जाँच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बलराम सिंह पैकरा जिस दौरान लोरमी के पीएनबी बैंक में मैनेजर थे,  उस दौरान उन्होंने बैंक के दलाल और व्यापारी से मिलीभगत कर रोजगार मूलक योजना के तहत लोन बाँटने के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा करते हुए कई तरह की गड़बड़ी को अंजाम दिया है। पहले तो उन्होंने आवेदक द्वारा बैंक में लोन के लिए आवेदन जमा किये फिर आवेदन में कोटेशन को बदल दिया और 3 लाख रुपए की राशि फ़र्ज़ी कोटेशन पर व्यापारी को भुगतान कर दिया । वही शिकायतकर्ता का आरोप यह भी है की उसे अपना बैंक खाता नंबर तक पता नही है और उन्होंने यह भी कहा मामले की जानकारी उन्हें तब हुई जब 4 साल बीत जाने के बाद बैंक के कर्मचारियों द्वारा हितग्राहियों को लोन लिए 3 लाख रुपए को जमा करने के लिए बैंक से उन्हें नोटिस थमा दिया गया।
हितग्राही ने बैंक जाकर पता किया तब उसके पैर नीचे से जमीन खिसक गई ।  जिस पर हितग्राही ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि जब मुझे लोन मिला ही नही तो मैं पैसा कहां से पटाउँगा ….। वही मामला उजागर होने के बाद 2012 में बैंक मैनेजर रहे बलराम सिंह पैकरा सहित वर्तमान मैनेजर राव के द्वारा शिकायतकर्ता को समझौता करने दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने यह गड़बड़ी बैंक के अधिकृत एजेंट के साथ मिलकर की थी ।  मामले में लोरमी पुलिस बैंक के एजेंट सहित फर्जी कोटेशन लगाने वाले व्यापारियों से भी पूछताछ कर रही है ।  जिसके जरिए कई लोगों को लोन देने के नाम पर पीएनबी बैंक के कर्मचारियों ने ठगी की है। आज भी बैंक में एक दलाल सक्रिय है जो पंजाब नेशनल बैंक में दलाली का काम करता है  । उसके लाये हितग्राही और दस्तावेजो के आधार पर बैंक लोन पास कर देती है वंही जरूरत मंद लोग आज भी बैंक के चक्कर काटने को मजबूर है ।  जिन्हें लोन नही मिल पा रहा है। और वही दलाल बैंक कर्मचारियों से सांठ गांठ करके बैंक मैनेजर से मिलकर लोगों को लोन दिलाने सहित सभी कार्य करता है। बड़ी बात ये है की जिस तत्कालीन मैनेजर ने फर्जी कोटेशन के आधार पर लोन दिया है मामला उजागर होने और थाना में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब वर्तमान शाखा प्रबंधक के साथ मिल दस्तावेजो को बदलने में लग गया है जिसे वर्तमान ब्रांच मैनेजर का पूर्ण योगदान मिल रहा है
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