विभाग परिक्रमा के बाद लौट आयी फाइल…फिर भी नहीं मिल रहा वेतन…शिक्षकों ने पूछा…पंचायत बताए कब होगा भुगतान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— प्रदेश पंचायत शिक्षकों की समस्याओं का अंत होने का नाम ही नही ले रहा है। आबंटन के बाद भी वेतन नही मिलने से शिक्षकों में नाराजगी है। वर्ष बंधन आधार पर संविलियन में शामिल ऐसे शिक्षक जिनकी सेवा अवधि 1 जुलाई 2018 को आठ साल से कम है। वेतन और अन्य एरियर्स राशि के लिए आज भी आवंटन पर निर्भर है। वेतन आवंटन की फाइल तमाम औपचारिकताओं और विभिन्न विभागों की परिक्रमा के बाद आवंटन राशि स्वीकृति होने पर  भी शिक्षकों को वेतन का इंतजार है। कब मिलेगा…इसका जवाब फिलहाल भगवान के पास ही है। ऐसा पंचायत संवर्ग शिक्षकों का कहना है।
                    नवीन शिक्षा कर्मी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव ने बताया कि संविलियन से वंचित शिक्षकों के वेतन व्यवस्था में आज भी कोई सुधार नही हुआ है। समय समय पर विभिन्न उच्य अधिकारियों से समय पर वेतन प्रदान करने के स्पष्ट निर्देशो के बाद भी शायद ही कोई महीना हो जब शिक्षक पंचायत को समय पर वेतन प्राप्त हुआ हो। एरियर्स की राशि तो सालो बाद मिल जाए…बहुत बड़ी बात होगी।
      अमित नामदेव ने बताया कि प्रदेश के सभी विकास खंडों में वेतन और एरियर्स राशि के भुगतान में लेट लतीफी आम बात है। कभी आवंटन का बहाना तो कभी तकनीकी त्रुटि जैसे शब्दों का प्रयोग कर पंचायत एऔर ग्रामीण विकास  विभाग के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। हद तो तब हो जाती है जब आवंटन राशि जारी होने और जनपद पंचायत के खाते में राशि जमा होने के बाद भी वेतन बिना कारण नहीं दिया जाता है ।
                  अमित ने बताया कि बिलासपुर जिले में संविलियन से वंचित शिक्षा विभाग मद से वेतन प्राप्त करने वाले  शिक्षक(पंचायत)संवर्ग को दो महीने से वेतन का भुगतान नही किया गया है। जबकि रायपुर से प्राप्त आबंटन को जिला पंचायत बिलासपुर ने 4 अक्टूबर को जनपद पंचायतों को आवन्टित कर दिया है। आबंटन होने के बाद भी वेतन भुगतान में विलंब..को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है।
       नवीन शिक्षा कर्मी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष ने शीघ्र वेतन भुगतान और एरियर्स राशि प्रदान करने की मांग की है। अमित नामदेव ने बताया कि संविलियन के बाद अब पंचायत विभाग से बहुत कम शिक्षको का वेतन जारी किया जाता है। बावजूद इसके दो-तीन महीने विलंब से वेतन भुगतान समझ से परे है। ऐसा लगता है कि पंचायत विभाग ने फैसला कर लिया है कि शिक्षको को बिना मानसिक प्रताड़ना के वेतन नहीं दिया जाए।
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