बिलासपुर—प्रिय दर्शनी समाज सेवा समिति के बैनर तले आज लोगों ने जाति धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया है। प्रदर्शनकारियों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण मांग की है। आरक्षण मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि हम लोगों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को पत्र सौंपते हुए कहा कि आरक्षण से देश और समाज में वैमनस्यता के भाव उत्पन्न हो रहा है।
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आरक्षण मुक्ति मोर्चा के संयोजक और जिला अध्यक्ष विजय दुबे ने बताया कि आरक्षण संविधान सम्मत नहीं है। इससे समानता के अधिकार का उल्लंघन होता है। पिछले साठ साल से आरक्षण की प्रवृति ने देश को खोखला किया है। आर्थिक रूप से कमजोर और योग्य युवा दर दर की ठोकर खा रहे हैं। हताशा में राह से भटककर समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं। दुबे ने बताया कि यदि आरक्षण हटा दिया जाए तो ना केवल योग्य लोग सामने आएंगे। बल्कि देश को विकास के नए आयाम तक पहुंचायेँगे।
विजय दुबे ने आरक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन लोगों को आरक्षण मिलता है क्या वे ही लोग कमजोर हैं। यह सोचने और मनन करने का विषय है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार किसी भी व्यक्ति या महिला के साथ समता,समानता ,जाति , धर्म, लिंग और जन्म के आधार पर भेदभाव वर्जित है। बावजूद इसके वोट बैंक की लालच में नेताओं ने 10 साल के आरक्षण को 70 तक घसीट दिया।
आरक्षण मुक्ति मोर्चा के संयोजक ने बताया कि पिछले 68 साल से आरक्षण की सुविधा का कितना सदुपयोग और दुरूपयोग हुआ इसकी समीक्षा होनी चाहिए। आज आरक्षण के चलते देश के गरीब मेधावी छात्र दर-दर भटक रहे हैं। सरकार को इस बारे में चिंतन करना होगा। दुबे ने कहा कि आरक्षण के चलते अन्य वर्गों के लोग घोर उपेक्षित कर रहे हैं। यह उपेक्षा प्रतिभावानों को नशा और आतंक के रास्ते पर ले जा रहा है।