
मुख्यमंत्री ने इन आवेदनों का तत्परता से निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण के गठन से अब तक तीन हजार 778 किसानों के सिंचाई पम्पों को कनेक्शन देने के लिए 25 करोड़ 64 लाख रूपए मंजूर किए गए हैं। राज्य सरकार विद्युत वितरण कम्पनी को प्रत्येक कनेक्शन के लिए लगभग एक लाख रूपए का अनुदान देती है। लाईन विस्तार में इससे अधिक राशि की जरूरत होने पर खर्च प्राधिकरण द्वारा दिया जाता है।
बैठक में जनप्रतिनिधियों से विचार-विमर्श के दौरान अधिकारियों ने बताया कि मिनी माता स्वावलम्बन योजना के तहत प्राधिकरण मद से अनुसूचित जाति के लगभग छह सौ युवाओं को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता दी गयी है। योजना के तहत प्रत्येक चयनित हितग्राही को दुकान निर्माण के लिए एक लाख 40 हजार रूपए और सामग्री के लिए 60 हजार रूपए का ऋण दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने इन युवाओं के व्यापार-व्यवसाय की वर्तमान स्थिति के बारे में संबंधित जिला कलेक्टरों को अगली बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी बताया गया कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लगभग 100 आश्रम विद्यालयों और छात्रावासों के स्वयं के भवन नही हैं। मुख्यमंत्री ने आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग को इन भवनों के निर्माण के लिए ऋण प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में यह भी बताया गया कि अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण द्वारा अब तक विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 407 करोड़ 69 लाख मंजूर किए जा चुके हैं। नर्सिंग पाठयक्रम में चयनित छात्राओं को निःशुल्क अध्ययन की सुविधा देने की भी योजना प्राधिकरण द्वारा चलायी जा रही है। इसमें अब तक 1020 युवाओं की नर्सिंग की पढ़ाई के लिए 28 करोड़ रूपए मंजूर किए जा चुके हैं।
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