बिलासपुर— मंथन सभागार में आयोजित पत्रकारों की बैठक में कलेक्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के स्वरूप में बदलाव किया गया है। पहले सूखे का आकलन तहसीलस्तर पर होता था अब पंचायत स्तर पर सूखे का आकलन किया जाएगा। असिंचित क्षेत्र में धान की खेती करने वाले किसानों को इस योजना का सीधा लाभ होगा।
कलेक्टर ने बताया कि असिंचित क्षेत्र के किसान प्रति एकड़ 252 रूपये 93 पैसे और सिंचित क्षेत्र के किसान प्रति एकड़ 303 रूपये 52 पैसे में बीमा करा सकते हैं। कलेक्टर ने बताया कि किसानों को प्रति एकड़ 15 हजार रूपये तक फसल क्षतिपूर्ति मिल सकता है। सभी किसान योजना का लाभ 31 जुलाई 2016 तक बीमा का लाभ ले सकते हैं।
पत्रकारों को कलेक्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अब ग्राम पंचायत को यूनिट बनाकर फसल क्षतिपूर्ति का आंकलन किया जायेगा। एक ग्राम पंचायत में धान सिंचित एवं असिंचित के लिए 4-4 फसल कटाई प्रयोग होंगे। इसके आधार पर ही फसल क्षतिपूर्ति राशि किसानों को दी जायेगी।फसल नुकसान होने पर ग्राम पंचायत के हर किसान को फसल क्षतिपूर्ति की राशि मिलेगी। पहले पटवारी हल्का को यूनिट मानकर फसल कटाई प्रयोग किया जाता था। इससे सभी किसानों को किसान को लाभ नहीं मिल पाता था। जिन किसानों ने फसल ऋण नहीं लिया है उन्हें भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत् फसल का बीमा कराना चाहिए। फसल नुकसान होने की स्थिति में उन्हें बीमा की राशि से मदद् मिल सकें।
12 करोड़ रूपए का वितरण
कलेक्टर ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत जिले में पिछले खरीफ फसल का बीमा कराने वाले 22 हजार 400 किसानों को बारह करोड़ से अधिक रूपये का फसल क्षतिपूर्ति दी गयी है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किसानों को क्षतिपूर्ति राशि वितरित की गई है। सर्वाधिक राशि मस्तूरी क्षेत्र के किसानों को दिया गया है। इस साल किसानों को 37 हजार 500 रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खरीफ फसल ऋण दिया जा रहा है। 77 हजार किसानों को फसल ऋण का लाभ मिलेगा।