अमृत योजना की मानिटरिंग के बनेगा राज्य स्तरीय सेल

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1381_0रायपुर।महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सोनमणी बोरा की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में राज्य स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक हुई। इस बैठक मे बताया गया कि मुख्यमंत्री अमृत योजना के क्रियान्वयन के लिए जल्द ही पृथक से सेल बनेगा। इस राज्य स्तरीय सेल के माध्यम से मैदानी स्तर पर योजना की निगरानी रखी जाएगी। सचिव बोरा ने कहा कि दूध के उत्पादन, पैकिंग, परिवहन, भंडारण एवं वितरण निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाए। साथ ही इन सभी प्रक्रियाओं में पूरी सावधानी रखी जाए। वितरण के समय यह ध्यान रखें कि दूध के पैकेट में किसी तरह का लिकेज रिसाव और दूध के पैकेट में फूलापन या लसलसा पन, गांठे अथवा पेकेट फटे होने या दूध के स्वाद में परिवर्तन होने पर इसका वितरण नहीं किया जाए।

                       सचिव ने यह भी निर्देश दिये कि बच्चों को नाश्ते के बाद ही दूध पिलाये और दूध के पैकेट को खोलने के तत्काल बाद उसे बच्चों में स्वच्छ गिलासों में निर्धारित मात्रा मंे वितरित किया जाए। अति गंभीर कुपोषित तथा बीमार बच्चों को बिना चिकित्सकों के परामर्श के दूध नहीं पिलाना चाहिए। बच्चों को दूध देने के पूर्व आंगनबाडी़ कार्यकर्ता को स्वयं दूध चखने के उपरांत संतुष्ट होने पर ही बच्चों को दूध का वितरण किया जावे।

                  बोरा ने बताया कि दूध के संग्रहण , पाश्चुराइजेश, पैकिंग परिवहन, एवं भंडारण जैसे विषय पर विस्तृत अध्ययन हेतु नेशनल डेयरी रिसर्च करनाल हरियाणा से अनुरोध भी किया गया है।

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                 प्रदेश के 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए 27 अप्रैल एवं 4 जून को प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और जिला कार्यक्रम अधिकारी व जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को परिपत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देंश दिए गए हैं। उन्हांेने बताया कि विभागीय योजनाओं के सफल संचालन के लिए संचानलानय के अधिकारियों की टीम तैयार की गई है । यह टीम आबंटित जिले में माह में एक बार यथा संभव सोमवार को आंगनवाडी केन्द्रो का निरीक्षण करेगें तथा वहां संचालित गतिविधियों की रिपोर्ट राज्य स्तर पर प्रस्तुत करेंगे इससे विभागीय योजनाओं के संचालन में कसावट आएगी।