रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोगों से अवैध रूप से रकम जमा कराने वाली कम्पनियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस प्रकार की कंपनियों के खिलाफ पिछले चार वर्षों में 199 एफ.आई.आर. (First Information Report) दर्ज कर 333 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।गुरुवार को मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में मंत्रालय में गैर-बैंकिग क्षेत्र की गतिविधियों पर निगरानी के लिए बनी राज्य स्तरीय समन्वय समिति की उनतीसवीं बैठक में दी गई। बैठक में मुख्य सचिव ने ‘छत्तीसगढ़ निक्षेपको के हितों के संरक्षण अधिनियम, 2005’ के प्रावधानों के तहत गैर-कानूनी ढंग से रूपयों के लेन-देन में लगे कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस विभाग, रजिस्ट्रॉर ऑफ कंपनीज और भारतीय रिजर्व बैंक को इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल कंपनियों पर लगातार नजर रखने कहा।
मुख्य सचिव ढांड ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनहित में इस तरह के मामलों का संज्ञान लेकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें, जिससे कि जनता की अमानत की सुरक्षा हो और अवैध धन संग्रहण पर लगाम लगाया जा सके। बैठक में वित्त विभाग के सचिव श्री अमित अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में अवैध रूप से लोगों से रकम जमा कराने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इस तरह की शिकायतों की पुलिस द्वारा तत्परता से जांच की जा रही है।
बैठक में गृह विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी पी.एन. तिवारी ने बताया कि पिछले चार वर्षों में अवैध रूप से रकम जमा कराने वाली कंपनियों के खिलाफ 199 एफ.आई.आर. दर्ज कर 333 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
साल 2013 में 19 कंपनियों पर एफ.आई.आर.दर्ज कर 34 लोगों को और 2014 में 44 कंपनियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी तरह से वर्ष 2015 में 76 कंपनियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर 156 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।