

कौशिक ने कहा कि यह एक राजनैतिक फैशन हो चला है कि जब तक आप की महत्वकांक्षाओं की पूर्ति होती रहती है, तब तक दल और उसकी सभी नीतियां अच्छी लगती रहती है और जैसे ही पार्टी आप के मनोनुसार फैसले नहीं लेती है तो क्षेत्रियता की ढाल उठाकर लोग शहीदी चोला पहन लेते है। कौशिक ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक आदिवासी क्षेत्रों में पिछले एक दशक में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा ने जो विकासोन्मुखी कामों को अंजाम दिया है वह किसी से छुपा नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में हमारी सरकार ने उल्लेखनीय काम किये हैं। छत्तीसगढ का आदिवासी इस बात को जानता है कि भाजपा सरकार आदिवासी हितैषी सरकार है, सोहन पोटाई के आरोपो में राजनीतिक दुर्भावना और उनकी निजी महत्वाकांक्षा के अलावा कोई सत्यता नहीं है। कौशिक ने कहा कि आज पूर्व सांसद सोहन पोटाई लगातार पार्टी विरोधी बयान बाजी कर अनुशासन की सारी सीमाएं लांघते जा रहे थे। उन्हेंने एक प्रकार से यह तय कर लिया था कि जिस दल ने उन्हें राजनीतिक बुलंदियों तक पहुंचाया था वे उसे ही नुकसान पहुंचाना चाह रहे थे। कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की पहंचान उनका सरल और निष्कपट स्वभाव है। वे किसी भी व्यक्ति को अपने फायदे के लिए ठेस पहुचाने की सोच भी नहीं सकते है लेकिन आज सोहन पोटाई ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए दिवंगत ताराचन्द साहू, शिवप्रताप सिंह का नाम अनावाश्यक रूप से घसीटा जो बेहद निंदनीय है।
राष्ट्रीय सचिव रामविचार नेताम ने कहा कि भाजपा सर्व वर्गो के विकास के लिए प्रतिबद्ध दल है जिसमें आदिवासी वर्ग भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आदिवासियों के हितों को ध्यान में रखतो हुए अनेको योजनाओं को धरातल पर कार्यान्वित किया है जिसमें इस वर्ष अनुसुचित जन जाति उपयोजना मद में 13 हजार करोड़ का प्रावधान, सुदूर वन क्षेत्रों में छात्रावास तथा शालाओं की स्थापना, नई दिल्ली में ट्राईबल यूथ होस्टल की स्थापना, सभी विकास खण्डों में सोलर लैम्प प्रदाय, तीन लाख से अधिक परिवारों को वन भूमि का पटटा, तेन्दू पत्ता संग्राहको को 171 कोड़ का पारिश्रमिक तथा 3 सौ करोड़ का बोनस जैसे उल्लेखनिय कार्य किये है। भाजपा सरकार ने प्रयास जैसी संस्था की स्थापना कर आदिवासी बालक-बालिकाओं को आगे बढाने का भागीरथ प्रयास किया है जिसके सुखद परिणाम मिलने लगे है। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद सोहन पोटाई द्वारा आदिवासियों की उपेक्षा का आरोप सही नहीं है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि सोहन पोटाई द्वारा यह कहा जाना कि पूर्व सांसद नन्दकुमार साय की उपेक्षा की जा रही है, पूरी तरह गलत है। वे आज भी पार्टी के आदरणीय मार्ग दर्शक है।