बिलासपुर— ओव्हर रेट पर शराब बिक्री करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों की खैर नहीं। राज्य शासन ने आबकारी एक्ट को और कठोर करने का फैसला किया है। आबकारी एक्ट में संशोधन कर नई धाराओं को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जल्द ही संशोधन के बाद नया आबकारी एक्ट सामने आ जाएगा। बताया जा रहा है कि सरकार ने फैसला किया है कि ओव्हर रेट शराब बेचने पर पाए गए दोषी पर अजमानती धारा के तहत कार्रवाई होगी। धारा के तहत दोषी को कम से कम 2 साल का सश्रम कारावास की सजा होगी।
कोचियागिरी और ओव्हर रेट की शिकायत पर राज्य शासन ने कठोर कदम उठाने का फैसला किया है। शासन ने आबकारी एक्ट की व्यवस्था में सुधार करते हुए धारा 34(2) को जोड़ने का फैसला किया है। नयी व्यवस्था के तहत ओव्हर रेट शराब बिक्री पाए जाने पर दोषी के खिलाफ आबकारी एक्ट की धारा 34(2) के तहत अपराध दर्ज किया जाएगा। नयी आबकारी धारा के तहत दोषी को 2 साल की सजा होगी। नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा।
सूत्रों की माने तो राज्य शासन ने लगभग प्रकिया पूरी कर लिया है। आबकारी की धारा 34(2) को जल्द ही मुख्यधारा में शामिल कर लिया जाएगा। मामले को लेकर कैबिनेट स्तर पर बहस भी हो चुकी है। राज्य शासन के नुमाइंदों ने दो टूक कहा है कि कोचियागिरी और ओव्हर रेट की शिकायत को हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा। दुकान से ओव्हर रेट में शराब बेचने वाले को छोड़ा नहीं जाएगा। यदि इसमें आबकारी के अधिकारी भी शामिल होते हैं तो उनके खिलाफ भी 34(2) के तहत अजामनती अपराध दर्ज किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि राज्य शासन के इस फैसले से कोचिया गिरी और ओव्हर रेट को बढ़ावा देने वालों में खौफ है। खासकर आबकारी दारोगा और आरक्षकों को सांप सूंघ गया है। क्योंकि राज्य शासन को जानकारी लगी है कि ओव्हर रेट बिक्री में विभागीय अधिकारी के इशारे पर दारोगा और आरक्षक जमकर ओव्हर रेट का कारोबार करते हैं। जिससे आम जनता में गहरा आक्रोश है। साथ ही दारोगा और आरक्षक कोचियागिरी को भी बढ़ावा देते हैं। अधिनियम में संशोधन के बाद जोड़े के 34(2) से लोगों में दहशत होगी। जाहिर सी बात है कि ओव्हर रेट बिक्री की शिकायत पर अंकुश लगेगा। जानकारी यह भी मिल रही है कि प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर ही धारा के तहत अपराध दर्ज किया जाएगा। इसके बाद जांच पड़ताल की कार्रवाई होगी। यदि आबकारी महकमे का कर्मचारी या अधिकारी दोषी मिलता है तो उसे सजा के साथ नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा।
बताया जा रहा है कि नया अधिनियम तैयार हो चुका है। अब केवल मुख्यमंंत्री का सील सिक्का लगना बाकी है। अधिनियम को मुख्यमंत्री ने पहले से ही हरी झण्डी दिखा दी है।