आरक्षण पर हुई सुनवाई…विपक्ष के तर्कों को कोर्ट ने किया दर्ज…अब समर्थकों के तर्क को सुन जाएगा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— आरक्षण के विरोध और समर्थन में दायर याचिका पर आज चीफ जस्टिस की डबल बैंच में सुनवाई हुई। आरक्षण के विरोध में याचिका दायर करने वाले पक्षकारों की सुनवाई पूरी हुई। दूसरे दिन आरक्षण के समर्थन में याचिका दायर करने वालों को सुना जाएगा।

                                    गुरूवार को आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के खिलाफ दायर याचिका कर्ताओं की सुनवाई होगी। आरक्षण के खिलाफ पेश किए गए  याचिकाकर्ताओं कुणाल शुक्ला,आदित्य तिवारी समेत अन्य ने अपनी बातो को चीफ जस्टिस के डबल बैंच में रखा। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वर्तमान सरकार ने 72 प्रतिशत आरक्षण का एलान किया है। सरकार का फैसला सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन और संविधान की भावनाओं के खिलाफ है। ऐसी सूरत में 72 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना संभव नहीं है। कोर्ट ने सभी के बातों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। अब आरक्षण के समर्थन में दायर करने वाले याचिका कर्ता लक्ष्मीप्रसाद गहवई और अन्य को सुना जाएगा।

                               बताते चलें की 72 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को याचिका कर्ता लक्ष्मी प्रसाद गहवई ने उचित बताया है। लक्ष्मी प्रसाद गहवई ने अपनी याचिका में कहा है कि 72 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना किसी भी सूरत में गैर संवैधानिक नहीं है। गहवई ने अपनी याचिका में दो बातों प जोर दिया है। उन्होने कहा है कि छत्तीसगढ़ की आबादी में 45 प्रतिशत से अधिक ओबीसी हैं। ऐसी सूरत में उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना उचित भी है। इसके अलावा देखने में आया है कि वर्तमान में शासकीय समेत अन्य शैक्षणित संस्थानों में ओबीसी को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। ऐसी सूरत में उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना उचित है।

                                          अपनी याचिका में लक्ष्मी गहवई ने यह भी कहा है कि इंदिरा साहनी बनाक यूनियन ऑफ इंडिया में स्पष्ट है कि आरक्षण का प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक किया जा सकता है।

                   गुरूवार को आरक्षण के विरोध में दायर याचिका की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब समर्थन में दायर की गयी याचिका की सुनवाई होगी। जानकारी हो कि लक्ष्मी प्रसाद गहवई प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग के महामंत्री हैं।

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