नईदिल्ली।मौसम विभाग ने 2018 में दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान वर्षा का दीर्घावधि पूर्वानुमान लगाया है।मात्रा की दृष्टि से मानसून सीजन के दौरान कुल वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 97 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। हालांकि, इसमें ± 5 प्रतिशत का अंतर हो सकता है। वर्ष 1951 से लेकर वर्ष 2000 तक की अवधि के दौरान देश में मानसून सीजन के दौरान दीर्घावधि औसत (एलपीए) वर्षा 89 सेंटीमीटर रही है।
पूर्वानुमान के तहत सीजन के दौरान सामान्य मानसून वर्षा (एलपीए का 96-104 प्रतिशत) की अधिकतम संभावना के साथ-साथ सामान्य से कम वर्षा होने की अल्प संभावना का भी उल्लेख किया गया है।भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) दूसरे चरण के पूर्वानुमान के तहत जून 2018 के आरंभ में अपडेट जारी करेगा। अपडेट पूर्वानुमान के साथ पूरे देश में मासिक (जुलाई एवं अगस्त) वर्षा के साथ-साथ भारत के चार भौगोलिक क्षेत्रों में मौसमी (जून-सितंबर) वर्षा के अलग-अलग अनुमान भी जारी किए जाएंगे।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसमी (जून-सितंबर) वर्षा के लिए दो चरणों में पूर्वानुमान जारी करता है। पहले चरण का पूर्वानुमान अप्रैल महीने में और दूसरे चरण का पूर्वानुमान जून महीने में जारी किया जाता है। अत्याधुनिक सांख्यिकीय समष्टि पूर्वानुमान प्रणाली (एसईएफएस) का उपयोग कर ये पूर्वानुमान तैयार किए जाते हैं, जिनकी गहन समीक्षा करने के साथ-साथ आंतरिक शोध गतिविधियों के जरिए इनमें नियमित तौर पर बेहतरी सुनिश्चित की जाती है।