जोगी ने कहा कि स्थानीय प्रतीभा और प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देने का सदैव पक्षधर रहा हूँ । जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पार्टी संगठन को अनुसुचित जाति जनजाति और अल्पसंख्यक नेताओं को विश्वास में लेना जरूरी है। उन्हें भी आगे बढ़ाने की दिशा मेंं गंभीर प्रयास करने की जरूरत है।
अमित जोगी ने कहा कि संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर शून्य के बराबर प्रतिनिधित्व होने से एससी और ओबीसी नेताओं में पहले से ही असंतोष है। संगठन के उच्च पदाधिकारियों को पर्सनल फेवर से ज्यादा पब्लिक फेवर पर ध्यान देना होगा। इसके बाद ही पार्टी को आगे बढ़ाया जा सकता है।