ओरछा में अब नहीं होगी नेटवर्क की समस्या,सौर ऊर्जा से संचालित हुआ मोबाइल टावर..बच्चों को ऑनलाइन पढ़ने में नही होगी दिक्कत

Chief Editor
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नारायणपुर-बिजली जनजीवन का मुख्य आधार है। थोड़ी देर के लिये भी बिजली चली जाएं तो सारी व्यवस्थाएँ ठप हो जाती है। अगर यह कहा जाएं कि बिजली के बिना जीवन सहज रूप से नहीं चल सकता तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी। लेकिन अब मोबाइल भी सामान्य जीवन से जुड़ा हुआ है। टावर बिजली से चलता है और मोबाइल, टावर से। मोबाइल चलाने के लिए दोनों को एक दूसरे की आवश्यकता होती है। नारायणपुर जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच बसे विकासखंड ओरछा में संचालित बीएसएनएल टावर में हमेशा समस्या रहती थी कि बिजली चली जाने के बाद टावर बंद हो जाता था। जिले के विषम भौगौलिक परिस्थितियों तथा घने जंगलों के कारण बिजली विभाग को भी समस्या ढूँढने में काफी मशक्कत करना पड़ता था, खासकर मोबाइल नेटवर्क नही होने के कारण समय और अधिक लगता था।

             
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कलेक्टर अभिजीत सिंह ने अपने प्रथम ओरछा प्रवास में इस समस्या के निराकरण करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए थे। जिसका निराकरण किया जा चुका है। जिला प्रशासन के सहयोग से क्रेडा एवं दूरसंचार विभाग के द्वारा 15 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर इसका संचालन शुरू कर दिया गया है। क्रेडा विभाग द्वारा बस्तर संभाग में इस तरह का ऐसा पहला सौर संयंत्र स्थापित किया गया है। जिसमें एकल बी.टी.एस. टावर को सौर ऊर्जा संयंत्र से पूर्णतया डी.सी. विद्युत प्रणाली के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। संयंत्र में 48-48 वोल्टेज 1000एएच की दो बैटरी बैंक सपोर्ट भी है, जो कि मास्टर कंट्रोल यूनिट के माध्यम से संबद्ध है।

इसमें 24 घंटे बाधारहित विद्युत की आपूर्ति मोबाइल टावर को होती रहेगी। इसके फलस्वरूप ओरछा व सीमा से लगे ग्रामों के ग्रामीणों को भी फायदा पहुंचेगा। अब 24 घंटे नेटवर्क सुलभ होने से अब छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन कक्षा का भी सतत् लाभ प्राप्त होगा। शासकीय कार्यालयों, स्वास्थ केन्द्र, बैंक, पुलिस थाना, बेस केंप, आश्रम-छात्रावासों, स्कूलों व अन्य संस्थाओं में भी अब हमेशा 24 घण्टे नेट कनेक्टीविटी की उपलब्धता बनी रहेगी।

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