कलेक्टर के निर्देश पर घने जंगलों, पहाड़ों को पगडंडियों के सहारे पार करते हुए हांदावाड़ा पहुंचा स्वास्थ्य अमला

Chief Editor
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नारायणपुर-राज्य शासन की मंशा प्रदेश के सभी क्षेत्रों में खासकर अंदरूनी और आदिवासी बाहुल्य ईलाकांे में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराना है। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह भी जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सजग एवं संवेदनशील है। कलेक्टर श्री सिंह स्वयं समय समय पर स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग लेकर जिले के लोगों को और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने एवं अंदरूनी क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए योजना तैयार कर, कार्य को प्राथमिकता से किया जा रहा है। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने हांदावाड़ा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव सम्बन्धी सूचना को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल हांदावाड़ा क्षेत्र में मेडिकल टीम भेजकर स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए।

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कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन जिले में और अबूझमाड़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए संकल्पित है। स्वास्थ्य विभाग की टीम नारायणपुर जिले के अबूझ कहे जाने वाले ओरछा विकासखंड (अबूझमाड़) के धुर नक्सल प्रभावित, घने जंगलों एवं पहाड़ों को पगडंडियों के सहारे पार करते हुए गांव हांदावाड़ा, बेड़मा, कुर्सिंगबहार और इरूलीपारा में डॉ बी.एन. बनपुरिया खण्ड चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में उनके सहयोगी डॉ प्रभाष पाल, श्री गिरधारी जैन, श्री भीमराज सोढ़ी, कुमारी प्रमिला उसेण्डी, कुमारी हेमेश्वरी बघेल श्री अर्जुन यादव स्वास्थ्य विभाग का अमला पहुंचा और वहां स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर 72 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर चलने वाले पल्स पोलियो अभियान, राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस और हाल में राज्य शासन द्वारा बस्तर संभाग के लिए विशेष रूप से शुरू किये गये मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का भी क्रियान्वयन स्वास्थ्य अमले द्वारा इन क्षेत्रों में पहुंचकर सफलतापूर्वक किया गया है और वहां के बच्चों एवं ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही हैं।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ए.आर.गोटा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा बीते 7 सितम्बर को ओरछा विकासखंड के गांव हांदावाड़ा, बेड़मा, कुर्सिंगबहार और इरूलीपारा पहुंचकर वहां के ग्रामीणों से घर-घर जाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली गयी।

जांच के दौरान चिकित्सा दल द्वारा ग्रामीणों को मलेरिया से बचाव हेतु जानकारी दी और हांदावाड़ा पहुंचकर ग्रामीणों से महामारी संबंधी बीमारी की भी जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कोई महामारी जैसी बीमारी नहीं है। साथ ही स्वास्थ्य शिविर में आये मरीजों को जांच कर मौके पर उपचार किया गया। इसके पश्चात चिकित्सा दल सिरहा के घर पहुंचा जहां पर तीन मरीज पाये गये जो झाड़-फूंक करवा रहे थे। खण्ड चिकित्सा अधिकारी ओरछा डॉ बनपुरिया द्वारा उन 3 मरीजों की जांच की गयी। जिसमें से श्रीमती पाण्डे पति श्री सागो जो 5-6 दिनों से खांसी, बुखार से पीड़ित थी। जांच के दौरान पाया गया कि श्रीमती पाण्डे ब्रोकाइटिस एवं लोबार न्यूमोनिया से ग्रसित है। जिसका तुरंत उपचार शुरू किया गया।

दूसरी श्रीमति पाण्डे की सास श्रीमति कमली पति सोनकू जिसे शराब पीने की लत है, इस कारण उसके लीवर में सूजन के कारण दर्द था। उसे उचित सलाह देकर उपचार किया गया। तीसरा मरीज सोमारू पिता श्री पांडू जिसके पूरे शरीर में भारी सूजन व खून की कमी, साथ ही पेट में पानी भरा हुआ था। जांच करने एवं पूरी जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि उक्त मरीज शराब का हमेशा आदी रहा है, जो सामुदायिक स्वाथ्य केन्द्र ओरछा में 16 दिनों तक भर्ती भी रह। ठीक होने के पश्चात पुनः शराब का सेवन करने लगा जिस कारण पुनः बीमार हो गया था। उक्त मरीज को शराब छोड़ने की समझाईश देकर उपचार किया गया। ग्रामीणों में से एक महिला श्रीमती पाण्डे पति श्री टिकरू निवासी हितामपारा की मृत्यु के विषय में जानकारी ली गयी उसे पति के न मिलने पर ग्रामीणों ने बताया कि उक्त महिला ने 16 जुलाई को घर में पति से विवाद के कारण फांसी लगा ली थी। जिसे मृत अवस्था में सिरहा के घर ले गये थे। ग्रामीणों ने भय के कारण यह जानकारी उजागर नहीं की थी।

इस प्रकार हांदावाड़ा में दो दिन रूक कर ग्रामीणों की जाचं व उपचार किया गया। 
विदित हो कि हांदावाड़ा, लंका, डूंगा नारायणपुर जिले के ऐसे गांव है, जहां जाने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा की ओर से नदी-नालों को पार कर पहुंचा जाता है। डॉ बनपुरिया के नेतृत्व में यह दल भी इसी मार्ग के जरिये इन गांवों में पहुंचा और मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार जीवनरक्षक दवाईयों का निःशुल्क वितरण किया। आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ लालचंद साहू एवं श्री प्रभाष पाल को निर्देश दिये गये कि हांदावाड़ा, बेड़मा रूककर सप्ताह में 3 दिन रूककर नियमित स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करें एवं किसी प्रकार की बीमारी की वृहद पैमाने पर फैलने की स्थिति में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को तत्काल सूचित करें।

विगत महीनों में जिले की प्रभारी सचिव एवं मिशन संचालक मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान और संचालक परिवार कल्याण डॉ प्रियंका शुक्ला ने ओरछा विकासखंड का दौरा कर वहां की स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत का जायजा लिया था। साथ ही उपसंचालक स्वास्थ्य सेवायें रायपुर के डॉ मोहम्मद हासिम खान ने भी क्षेत्र का दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली थी। 

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